उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को नई दिशा देने के लिए योगी सरकार का आस्था पथ अब मिशन मोड में है। प्रदेश सरकार 4,560 करोड़ रुपये की लागत से उन मार्गों का कायाकल्प करने जा रही है जो ऐतिहासिक, पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व के धार्मिक स्थलों को जोड़ते हैं। इस योजना का उद्देश्य न केवल श्रद्धालुओं की यात्रा को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाना है, बल्कि उत्तर प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करना भी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग ने इस महत्वाकांक्षी योजना का खाका तैयार किया है। योजना के तहत प्रदेशभर के 272 मार्गों को प्राथमिकता के आधार पर चौड़ा किया जाएगा, सुदृढ़ किया जाएगा और उनमें आधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जाएगा। विशेष रूप से उन मार्गों को प्राथमिकता दी गई है जिन पर हर साल 5 लाख से अधिक श्रद्धालु आवागमन करते हैं।
इस योजना में अयोध्या, वाराणसी, मथुरा, प्रयागराज, चित्रकूट, नैमिषारण्य और मीरजापुर जैसे पवित्र नगरों को जोड़ने वाले रास्ते प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन मार्गों का सौंदर्यीकरण, लेन मार्किंग, फुटपाथ निर्माण, कैरियज-वे सुदृढ़ीकरण, सड़क सुरक्षा के उपाय और बेहतर ट्रैफिक मैनेजमेंट जैसे कार्य किए जाएंगे। 👉 Read it also :
धर्मार्थ कार्य विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा स्वीकृत 272 परियोजनाओं को 2025-26 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। इनमें से अधिकतर मार्गों पर भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे परियोजना में तेजी आएगी। विभाग का मानना है कि इस पहल से तीर्थयात्रियों को सुगम, सुरक्षित और समय की बचत करने वाली यात्रा सुविधा मिलेगी।
लोक निर्माण विभाग और धर्मार्थ कार्य विभाग के समन्वय से इस योजना को कार्यान्वित किया जाएगा। यह योजना न केवल इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करेगी, बल्कि धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन को भी नई ऊंचाई देगी। योगी सरकार की यह पहल धार्मिक पर्यटन की क्षमता को आर्थिक विकास के साथ जोड़ने की एक ठोस रणनीति मानी जा रही है।
📲 समाचार सीधे व्हाट्सएप पर पाएं
देश-दुनिया की राजनीति, विकास और सामाजिक विषयों पर ताज़ा अपडेट्स के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें।
👇
🔗 WhatsApp Group Join Link