ईरान पाकिस्तान सीमा दीवार को लेकर ईरान ने बड़ा कदम उठाया है। पाकिस्तान से लगती अपनी पूर्वी सीमा पर लगातार हो रहे आतंकवादी हमलों, तस्करी और असुरक्षा के चलते ईरान ने अब सीमा पर दीवार बनाने का निर्णय लिया है। यह दीवार करीब 900 किलोमीटर लंबी होगी और इसे पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत से लगती सीमाओं पर बनाया जाएगा।
ईरानी अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से अनिवार्य हो गया था। हाल ही में ईरान के सीमावर्ती इलाकों में चरमपंथी संगठन जैश-उल-अदल द्वारा कई हमले किए गए, जिनमें सुरक्षा बलों की जान गई। ईरान ने पाकिस्तान पर इन संगठनों को पनाह देने का आरोप भी लगाया है और पहले भी इस मुद्दे पर इस्लामाबाद को चेतावनी दे चुका है।
पाकिस्तान के साथ पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को देखते हुए यह कदम दोनों देशों के रिश्तों में और दरार ला सकता है। इससे पहले जनवरी 2024 में ईरान ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर दी थी, जिसके जवाब में पाकिस्तान ने भी सीमावर्ती इलाकों में जवाबी कार्रवाई की थी।
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दीवार निर्माण की योजना का उद्देश्य है – सीमा पार से होने वाली घुसपैठ, हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी, तथा उग्रवादी गतिविधियों पर रोक लगाना। यह दीवार कंटीली तारों, ऊंची बाड़ और निगरानी टावरों से लैस होगी, जिससे हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा सके।
सुरक्षा विश्लेषकों का मानना है कि यह दीवार पाकिस्तान की सीमावर्ती नीति पर सवाल उठाती है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसके प्रति अविश्वास को दर्शाती है। भारत भी पहले ही पाकिस्तान से लगी अपनी सीमा पर बाड़ और निगरानी व्यवस्थाएं कर चुका है। अब ईरान का यह कदम पाकिस्तान की क्षेत्रीय छवि को और नुकसान पहुंचा सकता है।
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