बहराइच। जरवल अग्रिम जमानत खारिज मामले में सत्र न्यायालय ने जरवल नगर पंचायत की अध्यक्षा तस्लीम बानो और उनके पति इन्तिजार अहमद उर्फ मिथुन की याचिका खारिज कर दी है। इस निर्णय के बाद दोनों की गिरफ्तारी की आशंका गहराती जा रही है।
यह मामला नगर पंचायत कार्यालय से जुड़ी कथित धोखाधड़ी से जुड़ा है, जिसमें चेयरमैन, उनके पति और कर-मुहर्रिर पर एक महिला को सरकारी भूमि बेचने का आरोप है। अहमदशाह नगर की रहने वाली आयशा ने कोर्ट में शिकायत की थी कि उसे गाटा संख्या 589/0.004 की भूमि पर बना मकान बेचा गया, जिसे आबादी क्षेत्र बताकर निजी संपत्ति के रूप में प्रस्तुत किया गया। बाद में प्रशासन ने उसे जलमग्न सरकारी भूमि घोषित कर मकान को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया।
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पीड़िता के मुताबिक, जब उसने विरोध किया तो आरोपियों ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया और कहा कि कस्बे की सारी संपत्ति उनकी है। उन्होंने धमकी भी दी कि कोई कुछ नहीं कर सकता। इसके बाद उसने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष वाद दायर किया। कोर्ट के आदेश पर तीनों आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2), 351(3) में मामला दर्ज हुआ।
तस्लीम बानो और इन्तिजार अहमद ने सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की थी। लेकिन न्यायाधीश सत्येंद्र कुमार ने साक्ष्यों के आधार पर प्रकरण को गंभीर मानते हुए इसे खारिज कर दिया। फिलहाल, क्षेत्राधिकारी कैसरगंज रबी खोखर का कहना है कि पत्रावली की समीक्षा के बाद आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
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