रायबरेली जनपद में गुरुवार को दोपहर के समय अचानक बदले मौसम ने किसानों और भट्ठा संचालकों की मुश्किलें बढ़ा दीं। बेमौसम बारिश नुकसान की वजह से जिले के सलोन तहसील क्षेत्र में तेज आंधी और मूसलाधार बारिश ने फसलों और निर्माण गतिविधियों को भारी क्षति पहुंचाई। खेतों में तैयार मूंग और उड़द की फसल जहां जमीन पर बिछ गई, वहीं कच्ची ईंटें भी पूरी तरह गल गईं।
सूंची और मेजरगंज सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में किसान और ईंट भट्ठा मालिक हताश नजर आए। स्थानीय भट्ठा संचालक सरदार सुरेंद्र सिंह ने बताया कि बारिश से कच्ची ईंटें गल जाने के कारण लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि इस बार पहले ही ईंट निर्माण में महंगाई और मजदूरों की कमी से दिक्कत थी, अब ऊपर से मौसम की मार ने स्थिति और बदतर कर दी है।
👉 Read it also : सोशल मीडिया पर झूठी सूचनाओं ने कैसे भड़काया भारत-पाक युद्ध
रायबरेली के अन्य क्षेत्रों जैसे डलमऊ, ऊंचाहार और हरचंदपुर से भी बेमौसम बारिश नुकसान की खबरें आ रही हैं। इन इलाकों में किसानों की पकी फसलों को आंधी और पानी दोनों ने नुकसान पहुंचाया है। खास तौर पर आम की बागवानी को तगड़ा झटका लगा है। किसानों का कहना है कि फल झड़ गए और पेड़ भी कई जगह टूट गए। इससे आगामी आम सीजन की आमद पर असर पड़ेगा।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, मई के आखिरी सप्ताह में इस तरह की तेज बारिश और आंधी असामान्य मानी जाती है। यह बदलाव ग्लोबल वार्मिंग और मौसमी चक्र के असंतुलन का संकेत है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों तक प्रदेश के अन्य जिलों में भी ऐसे ही हालात बने रह सकते हैं।
इधर, ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति भी ठप हो गई है। कई स्थानों पर पेड़ गिरने और तार टूटने से बिजली सेवा बाधित हुई है, जिससे आमजन को दिक्कतें हो रही हैं। बारिश और तेज हवाओं से ग्रामीण सड़कों पर कीचड़ और अव्यवस्था का माहौल बना हुआ है।
प्रशासनिक स्तर पर अभी तक कोई ठोस राहत या मुआवजा नीति घोषित नहीं हुई है। किसानों और स्थानीय कारोबारियों ने प्रशासन से तत्काल सर्वेक्षण कराकर नुकसान की भरपाई की मांग की है। जिला प्रशासन ने हालात का जायजा लेने के लिए टीम भेजने की बात कही है।
📲 समाचार सीधे व्हाट्सएप पर पाएं
देश-दुनिया की राजनीति, विकास और सामाजिक विषयों पर ताज़ा अपडेट्स के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें।
👇
🔗 WhatsApp Group Join Link