गुना। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और उनका परिवार गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वालों की सूची में शामिल है। इसका खुलासा तब हुआ, जब सर्वेक्षण के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा गरीब परिवारों को रसोई गैस सब्सिडी पर उपलब्ध कराने गैस एजेंसी संचालकों को गरीबी रेखा के नीचे रहकर जीवन-यापन करने वाले लोगों की सूची भेजी गई।
राघौगढ़ गैस एजेंसी संचालक के पास जैसे ही यह सूची पहुंची तो पता चला कि इस सूची में राघौगढ़ राज परिवार के नाम भी शामिल हैं। विधायक जयवर्धन सिंह ने आपत्ति जताते हुए प्रशासनिक अफसरों से कहा कि मेरा, पिता और माता का नाम बीपीएल सूची में कैसे जोड़ा गया। इस मामले को मैं विस में उठाऊंगा। इधर अफसरों के पास इस गलती का कोई जवाब नहीं है।
गौरतलब है कि वर्ष 2011 में केंद्र सरकार ने सामाजिक, आर्थिक व जातिगत आधार पर सर्वे कराया था। इसी सर्वे को आधार बनाकर केंद्र सरकार ने गरीब परिवारों को उज्जवला योजना के तहत रसोई गैस के कनेक्शन दिलाए का काम शुरू किया। राघौगढ़ की श्रीमाल गैस एजेंसी के संचालक को जब रसोई गैस कनेक्शन देने के लिए पात्र गरीब लोगों की सूची भेजी गई, उसमें राघौगढ़ राज परिवार के दिग्विजय सिंह, उनकी पत्नी स्व. आशा सिंह और उनके बेटे व विधायक जयवर्धन सिंह का नाम भी सामने आया।
विधायक जयवर्धनसिंह के मुताबिक एक तरफ जहां गरीब परिवारों को बीपीएल सूची से हटाकर उन्हें शासकीय योजनाओं के लाभ से वंचित रखा जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ उनके परिवार को फर्जी तरीके से गरीबी रेखा में शामिल कर राघौगढ़ की जनता के साथ विश्वासघात किया जा रहा है। ।
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