बिलासपुर। शहर के एक बिल्डर के पुत्र गौरांग बोबडे की मौत हाईप्रोफाइल मामला बन गया है। इधर मृतक की बहन ने केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट कर सनसनी फैला दी है। जिसमें उसने रईसजादों पर भाई की हत्या करने का आरोप लगाया है।
यही नहीं उसने लिखा है कि मर्डर में रईस परिवार से ताल्लुक रखने वाले लोग शामिल हैं, इसलिए केस को दबाने का प्रयास भी किया जा सकता है। साथ ही पोस्टमार्टम में भी लापरवाही बरतने की बात कही है। इधर शुक्रवार की देर रात परिजनों के दबाव के कारण सिविल लाइन पुलिस ने पूछताछ के लिए थाने में रखे गए युवकों को छोड़ दिया।
बिल्डर श्रीरंग भोबड़े के पुत्र गौरांग की मैग्नेटो मॉल में सीढ़ी से गिरने से मौत की बात पुलिस को हजम नहीं हो रही है। इसकी वजह उसके आंख, हाथ एवं शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंची गंभीर चोट है। सीढ़ी से वह सीधे नीचे कैसे गिरा यह जांच का विषय है। पुलिस को मिले सीसीटीवी फुटेज में वह सीढ़ी से गिरते कैद नहीं हुआ है। पुलिस के अनुसार फुटेज में केवल सीढ़ी दिखाई दे रही है। वहीं पब के गेट से पहले चार युवकों के निकलते दिख रहे हैं। उनके पीछे गौरांग डगमगाते हुए बाहर आ रहा है।
पुलिस पब और सैकेंड फ्लोर में लगे सीसीटीवी की फुटेज व हार्ड डिस्क जब्त कर जांच कर रही है। वहीं इस मामले को मृतक के परिजन हत्या मान रहे हैं। मृतक की बहन ने केंद्रीय मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज को ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने भाई की हत्या में रईसजादों के शामिल होने का आरोप लगाया है। इधर सुबह से देर रात तक सिविल लाइन थाने में संदेही युवकों से पुलिस पूछताछ करती है। वहीं उनके परिजन पूरे समय पुलिस पर दबाव बनाते नजर आए। जिसमें वे रात 11 बजे सफल भी हो गए। पुलिस ने पूछताछ के बाद मृतक के दोस्तों को छोड़ दिया।
गौरांग को छोड़कर भाग खड़े हुए थे दोस्त
मृतक को घर से बुलाकर ले जाने वाले अर्जुन सोनछात्रा, किंगशुक अग्रवाल, करण जायसवाल और करण खुशलानी से पुलिस ने पूूछताछ की है। वे भी पुलिस को यह नहीं बता पा रहे कि गौरांग कैसे गिरा। युवकों ने उसके गिरने की मॉल के कर्मचारियों को जानकारी दी और अपने-अपने घर चले गए। युवकों ने उसे उठने या अस्पताल ले जाने की कोशिश नहीं की। मॉल के कर्मचारी ही उसे अस्पताल लेकर गए। पब के कर्मचारियों ने भी किसी प्रकार के विवाद या मारपीट नहीं होने की बात कही है।
पिता ने भी लगाया हत्या का आरोप
मृतक पुणे से बी कॉम की पढ़ाई कर इसी साल बिलासपुर लौटा था। पिता श्रीरंग बोबडे उसके लिए रायपुर में ब्रिक्स फैक्ट्री लगाने की तैयारी में थे। इसी सिलसिले में वह गुरुवार को रायपुर गए थे। शुक्रवार की सुबह उन्हें फोन से बेटे की दुर्घटना में घायल होने की सूचना मिली थी। इसके बाद वे सीधे सड़क मार्ग से सिविल थाना पहुंचे। थाना में उन्हें इस बात की जानकारी हुई कि घर का चिराग अब इस दुनिया में नहीं है।
इसके साथ इकलौते पुत्र के लिए फैक्ट्री खोलने का उनका सपना टूट गया। पिता ने कहा कि उसके बेटे की हत्या की गई। उसकी मौत गिरने से नहीं हुई। इसके अलावा देर रात तक बार खुला रखने पर भी उन्होंने सवाल उठाया है। समय पर बार बंद होता तो शायद उसके बेटे की मौत नहीं होती।
जिगर का टुकड़ा नहीं रहा.. मां हुई बेसुध
गौरांग रात 9 बजे मां को जल्दी आने की बात कह कर घर से निकला था। उसके रातभर घर नहीं लौटने पर मां को लगा कि वह किसी दोस्त के घर होगा। सुबह देर तक बेटे के नहीं आने पर भी उसे घरवालों ने कुछ नहीं बताया। धीरे-धीरे लोगों के घर आने पर उसे अनहोनी की आशंका हुई। दोपहर में शव के आने पर वह बेहोश होकर गिर गई।
नागपुर से लौटी बहन
मृतक रात को हंसते हुए अपनी बहन को ट्रेन पर बैठाकर लौटा था। बहन नागपुर में ट्रेन से उतरकर घर पहुंची ही थी कि उसे फोन पर तुरंत वापस बुलाया गया। इसके बाद वह तुरंत बिलासपुर की गाड़ी पकड़ कर लौट आई है। घर पहुंचने पर उसे भाई की मौत की जानकारी लगी। जिसे सुनकर वह हैरान रह गए। कुछ घंटे पहले ही उसके भाई ने ट्रेन में बैठाया था, जो अब इस दुनिया में नहीं रहा।