याचिकाकर्ता संगठन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील भीम सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जम्मू-कश्मीर के संविधान के अनुच्छेद-92 के तहत राज्यपाल शासन लगाया जा सकता है। लिहाजा, प्रदेश विधानसभा भंग करने का आदेश जारी किया जाए क्योंकि सरकार अपना दायित्व निभाने में विफल रही है।
इस पर एफएमएल कलीफुल्ला और एएम खानविल्कर की पीठ ने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि वे इसके लिए जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते? याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बंद पड़ा है और वे अन्यत्र कहीं नहीं जा सकते। तब टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई होगी।