चंद्रकोना/पश्चिम मेदिनीपुर। शीलावती नदी पर बने बांध के टूट जाने से चंद्रकोना के 20 गांव जलमग्न हो गये। इसके अलावा जल के बहाव की गति तेज होने से 200 कच्चे मकान ढह गये। घाटाल भौगोलिक रूप से निचले इलाकों में आता है इसी कारण प्रत्येक वर्ष बारिश के मौसम में यहां बाढ की आशंका रहती है।
मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार की रात कंसावती व मुकुटमनिपुर बैरेज से जल छोडने कारण मंगलवार सुबह 6 बजे के करीब चंद्रकोना के दो नंबर ब्लॉक के यदूपुर और कालाकरी इलाकों में शीलावती नदी पर बने दो बांधों के टूट जाने से उसका जल चारो तरफ फैल गया। इसके कारण यदूपुर, कालाकारी, नाडुया, सुल्तानपुर, बडा आखना,बैकुंठपुर सहित प्रायः 20 गांव बाढ की चपेट में हैं।
दूसरी ओर, घाटाल नपा के 13 वार्डों में भी बाढ का पानी घुस गया है।
स्थानीयों का दावा है कि बाढ से 250 बीघे की पर जमीन पर खडी फसल पूरी तरह से नष्ट हो गयी है। प्रशासन ने बताया कि हम परिस्थितियों से मुकाबले के लिए तैयार हैं। नौका परिसेवा की व्यवस्था भी की गयी है। बाढ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का काम शुरू कर दिया गया है लेकिन बाढ पीडतों का आरोप है कि उन्हें पर्याप्त सहायता नहीं मिल रही है। उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन को बार-बार शीलावती नदी पर बने बांध की मरम्मत करने के लिए कहा गया था लेकिन बांध की मरम्मत नहीं की गयी। इसी कारण आज हम बाढ की चपेट में हैं।