नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से कश्मीर के मौजूदा हालात पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गैरमौजूदगी मेंशनिवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। बैठक में सभी सदस्यों को कश्मीर के मौजूदा हालात और उनके आगामी दौरे की रूपरेखा की जानकारी दी गयी।रविवार को राजनाथ सिंह के नेतृत्व में 28 सदस्यों का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दो दिवसीय कश्मीर दौरे पर रवाना होगा। प्रतिनिधिमंडल यहां सभी पक्षों के साथ मुलाकात करेगा।बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह और गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू के साथ वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।प्रतिनिधि मंडल में शामिल जदयू नेता शरद यादव ने कहा, ‘हमारी कोशिश होगी कि आम राय बन जाए। हम लोग हुर्रियत समेत, हर किसी से बातचीत करने कि लिए तैयार हैं।बैठक के बाद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि बातचीत के रास्ते हमेशा खुले रहने चाहिए। यह फैसला भारत सरकार को करना है कि कौन हितधारक है।वहीं सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, “हुर्रियत को भी बातचीत के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए, तांकि यह संदेश जा सके कि हम हर किसी से बात करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “हमने प्रतिनिधिमंडल को यह सुझाव दिया है कि विश्वास बहाली के उपायों की तलाश होनी चाहिए और पैलेट गन पर प्रतिबंध लगना चाहिए।” येचुरी ने कहा कि पुख्ता परिणामों के लिए पुख्ता कदम उठाने की जरूरत है।इसके साथ ही ‘ एनसीपी नेता तारिक अनवर ने कहा, ‘बहुत ज़्यादा उम्मीद नहीं कर रहे हैं। वहां का माहौल बद से बदतर हो चुका है। कम से कम अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह कह सकेंगे कि हमने वहां शांति व्यवस्था बनाने के लिए सभी कोशिश की।’
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