पटना। पटना उच्च न्यायालय ने बिहार सरकार के पूर्ण शराबंबदी के फैसले को बड़ा झटका दिया। शुक्रवार को अपने एक निर्णय में हाई कोर्ट ने नीतीश सरकार के शराबबंदी कानून को झटका देते हुए इस फैसले को असंवैधानिक करार दिया। नए कानून को रद्द करने के साथ ही न्यायालय ने नीतीश के शराबबंदी के एजेंडे को भी झटका दिया है। न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि शराब बेचने, पीने पर सजा देना असंवैधानिक है।
विदित हो कि पांच अप्रैल 2016 को नीतीश नीत महागठबंधन सराकर ने देशी के बाद विदेशी शराब पर प्रतिबंध करने का बड़ा फैसला लिया था जिसके बाद से राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गई थी।
राज्य में देशी के बाद विदेशी शराब की बिक्री बंद होने के खिलाफ शराब के विक्रेता न्यायालय गए थे। इस मामले में उच्च न्यायालय में चली लंबी सुनवाई के बाद सरकार के शराबबंदी के कानून को गलत ठहराते हुए इसे रद्द कर दिया। उच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद से बिहार में पूर्ण शराबबंदी के कानून पर ग्रहण लग सकता है। बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी के कानून को लागू कर दिया था।
पटना उच्च न्यायालय के इस फैसले के आने के बाद राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकती है। न्यायालय के फैसले के बाद नीतीश की उस शराबबंदी की मुहिम को भी धक्का लगा है जिसमें नीतीश बिहार के बाद पूरे देश में शराबबंदी को लेकर अभियान चला रहे थे।
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