गुवाहाटी। परोक्ष रूप से ही सही, लेकिन राज्य के स्वास्थ्य व शिक्षामंत्री डा. हिमंत विश्व शर्मा और प्रतिबंधित संगठन उल्फा (आई) के प्रमुख परेश बरुवा असम में चीन निर्मित सामग्रियों के इस्तेमाल के मामले में आमने-सामने दिख रहे हैं। अपनी-अपनी दलीलों के आधार पर दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ परस्पर विरोधी बयान जारी किया है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में उल्फा (आई) की ओर से जारी एक बयान में परेश बरुवा ने चीन में निर्मित सामग्रियों के इस्तेमाल के मामले में अपने विवेक का इस्तेमाल करने की अपील करते हुए कहा था कि सस्ता सामान खरीदने का असम की जनता का अपना अधिकार है।
वहीं दूसरी ओर इसके उलट राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डा. हिमंत विश्व शर्मा ने खुले तौर पर असम के लोगों से चीन में निर्मित सामग्रियों का बहिष्कार करने की अपील की है। हिमंत ने अपनी अपील के पीछे तर्क दिया है कि चीन के कारण देश के लिए उत्पन्न चिंताजनक वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए ऐसा करना जरूरी है। हिमंत ने चीन द्वारा असम की जीवनधारा माने जाने वाले ब्रम्हपुत्र की एक सहायक नदी के बहाव को रोक दिए जाने को देखते हुए भी यह अपील की है और इसके लिए चीन की कड़ी आलोचना की।
हिमंत ने कहा है कि चीन ने भारत में अपनी सामग्रियों को बेच कर जो धन कमाता है, उसका इस्तेमाल वह भारत विरोधी गतिविधियों में करता है। उन्होंने कहा कि ब्रम्हपुत्र की धारा को रोकने की किसी भी कोशिश को हम कतई बर्दास्त नहीं करेंगे।
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