जम्मू। जम्मू संभाग के हीरानगर सेक्टर की बोबिया पोस्ट पर पाकिस्तानी गोलीबारी में घायल हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान गुरनाम सिंह ने शनिवार देर रात जम्मू के जीएमसी में दम तोड़ दिया। उनके पैतृक गांव रंगपुर आरसपुरा में सोमवार को पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
आरसपुरा जम्मू के रथाना गांव के रहने वाले 24 वर्षीय गुरनाम सिंह ने 19-20 अक्टूबर की मध्यरात्रि को हीरानगर के बोबियां सेक्टर में आतंकियों की घुसपैठ के एक बडे प्रयास को अपनी सतर्कता से विफल कर दिया। इसी दौरान पाकिस्तान के स्नाइपर ने उनके सिर पर गोली मार दी, जिससे वह गम्भीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत जम्मू के जीएमसी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती करवाया गया था।
शनिवार तक उनके परिवारजन तथा गांव वाले व बीएसएफ के जवान उनके ठीक होने की प्रार्थना कर रहे थे। मगर शनिवार की मध्य रात्रि को गुरनाम ने घावों का ताव न सहते हुए दम तोड़ दिया। गुरनाम के शहीद होने की खबर मिलते ही उनके घर तथा अस्पताल में शोक का माहौल पसर गया। गांव रंगपुर आरसपुरा में स्थित उनके घर में शोक व्यक्त करने वालों का तांता सा लग गया है। मध्यरात्रि में हुई गुरनाम की मौत से सभी को एक बड़ा घाव लगा है जिसे बीएसएफ उनके परिवारजन व पूरा देश कभी नही भूलेगा। गुरनाम का अंतिम संस्कार पूरे सम्मान के साथ उनके गांव रंगपुर आरसपुरा में किया जाएगा।
गुरनाम की मां ने मोदी सरकार से एक अलग बीएसएफ अस्पताल बनाने की मांग है। उन्होंने कहा कि हमें अपने सभी बच्चों की चिंता है ताकि उनका अच्छा इलाज हो सके। शहीद गुरनाम की मां जसवंत कौर ने कहा कि एक बार गुरनाम ने कहा था कि मां, अगर मैं देश के लिए अपना बलिदान दूं तो रोना मत, मैंने कहा था नहीं रोऊंगी। शहीद गुरनाम के पिता कुलबीर सिंह ने मोदी सरकार से अपील करते हुए कहा है कि हमें जंग चाहिए।