मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भारती सेना के नाम पर फिल्म निर्माताओं तथा मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के बीच विवाद निपटाने में ब्रोकर की भूमिका निभाई है।
यह आरोप मुंबई प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम ने लगाते हुए कहा कि यह देश के इतिहास की पहली घटना है , जहां किसी मुख्यमंत्री ने हमेशा कानून तोडऩे वाले को जेल में डालने की बजाय ब्रोकर का काम किया है। इसलिए देश की जनता के साथ खिलवाड़ करने वाले मुख्यमंत्री को देश की जनता के सामने माफी मांगनी चाहिए।
निरुपम ने कहा कि इससे पहले कांग्रेस शासन काल में शिवसेना ने माई नेम इज खान को प्रदर्शित न होने देने के लिए धमकी दीथा। उस समय सरकार ने कड़ा कानून व्यवस्था रखते हुए शिवसेना के हौसले पश्त कर दिए थे और हर हालत में कानून व्यवस्था को बनाए रखते हुए माई नेम इज खान का प्रदर्शन करवाया था।
उन्होंने कहा कि ऐ दिल है मुश्किल के निर्माता सहित फिल्म इंडस्ट्री के लोग मनसे की धमकी के बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिले थे और राजनाथ सिंह ने इस फिल्म को सुरक्षा दिए जाने का आश्वासन दिया था। लेकिन मुख्यमंत्री के ब्रोकर बनने से राजनाथ सिंह को भी अपमानित होना पड़ा है। ऐ दिल है मुश्किल के प्रदर्शन को लेकर मुख्यमंत्री की भूमिका की शबाना आजमी ने भी टिप्पणीकी थी।
इसी प्रकार इस मामले को लेकर शिवसेना ने भी अपने मुखपत्र में मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है । इतना ही नहीं भारतीय सेना ने भी इस तरह के व्यवहार पर नाराजगी जताते हुए इस तरह की मदद न लेने की घोषणा किया है।