नई दिल्ली । पाक राजनयिक महमूद अख्तर के खुलासे से डरे इस्लामाबाद ने अपने छह राजनयिकों को दिल्ली स्थित उच्चायोग से बुला लिया है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
बता दें कि जासूसी करते हुए रंगे हाथ पकड़े गए अख्तर ने खुलासा किया था कि दिल्ली स्थित उसके उच्चायोग में 16 कर्मचारी आईएसआई के मिशन पर तैनात हैं।
उच्चायोग के सूत्रों ने बताया कि कम से कम छह कर्मी ऐसे हैं जो दिल्ली छोड़ चुके हैं या इसकी प्रक्रिया में है। उन्होंने बताया कि पाक सरकार ने यह फैसला अख्तर के कबूलनामे के बाद और किरकिरी होने से बचने के लिए उठाया है, क्योंकि दूतावास कर्मियों का मानना है कि मौजूदा परिस्थितियों में उनका काम करना संभव नहीं है।
सूत्रों ने बताया कि भारत छोड़ने वाले पाक राजनयिकों में वाणिज्यिक दूत सयैद फारूख हबीब, प्रथम सचिव खादिम हुसैन, मुदस्सीर चीमा और शाहिद इकबाल शामिल हैं। पाकिस्तान की ओर से यह कदम भारत द्वारा अख्तर को देश छोड़ने के आदेश के कुछ दिन बाद उठाया गया है।
गौरतलब है कि 26 सितंबर को दिल्ली पुलिस ने अख्तर को पुराने किले के पास गोपनीय दस्तावेज हासिल करते हुए रंगे हाथ हिरासत में लिया था। एक अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान अख्तर ने बताया था कि पाक उच्चायोग में 16 ऐसे कर्मी हैं, जो भारत में जासूसी के काम में संलिप्त है। इस मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
अख्तर के खुलासे से साफ हो गया था कि दिल्ली स्थित पाक उच्चायोग भारत के खिलाफ साजिश रचने और जासूसी का केंद्र है। ऐसे में भारत सरकार अख्तर द्वारा बताए गए अधिकारियों को भी देश से निकालने का आदेश दे सकती थी। इससे पहले ही अपनी किरकिरी होने से बचने के लिए पाकिस्तान ने इन अधिकारियों के वापस बुला लिया है।
पाकिस्तान बदले की कार्रवाई पर आतुर है। पाक मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के दो राजनयिकों राजेश कुमार अग्निहोत्री और बलबीर सिंह को वापस जाने को कह सकता है। उसके मुताबिक ये दोनों भारतीय खुफिया एजेंसियों के लिए काम करते हैं।
वहीं भारत सरकार के सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान मीडिया ने दो अधिकारियों की पहचान सार्वजनिक होने के कारण उनका वहां काम करना सुरक्षित नहीं है। ऐसे में उन्हें विदेशमंत्रालय खुद बुला सकता है।
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