मुंबई।जासूसी के आरोपों में पाकिस्तानी अधिकारी महमूद अख्तर को हाल ही में बर्खास्त किये किए जाने के बाद शिवसेना ने आज कहा कि पडोसी देश ने भारत पर दोतरफा हमला शुरु किया है। पार्टी ने भारत में पाकिस्तानी उच्चायोग की जरुरत पर भी सवाल खडा किया।
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे संपादकीय में कहा गया है, ‘‘ हमें गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाले अंतरराष्ट्रीय कानूनों की आड में पाकिस्तानी अधिकारियों के षडयंत्रों को क्यों बर्दाश्त करना चाहिए? वीजा जारी करने और अन्य राजनीतिक कार्यों के बजाय पाकिस्तान उच्चायोग निरंतर भारत विरोधी गतिविधियों में व्यस्त रहा है।”
लेख में आरोप लगाया गया है, ‘‘ एक तरफ पाकिस्तान ने सीमा पर निर्दोषों पर गोलीबारी करके और उरी जैसे हमलोें से हमारे सैनिकों को निशाना बनाकर हमारे देश के खिलाफ जंग छेड रखी है, वहीं दूसरी ओर वह षडयंत्रों को जाल बिछाकर भारत में गड्ढे खोदने की कोशिश कर रहा है।
” महाराष्ट्र की सत्तारुढ भाजपा की सहयोगी पार्टी ने संपादकीय में दावा किया है कि पाकिस्तान उच्चायोग कट्टरपंथियों को सामानों की आपूर्ति करने, हुर्रियत जैसे भारत विरोधी संगठनों के साथ खडे होकर और भारत विरोधी लोगों के जरिये षडयंत्रों का नेटवर्क बढाने जैसी गतिविधियों में शामिल रहा है।
‘‘ हम ऐसे उच्चायोग की क्या दरकार है जो केवल इस राष्ट्र की जडों पर हमले का प्रयास कर रहा है। हम जासूसी में शामिल पाकिस्तानियों के साथ कुछ नहीं कर सके, लेकिन कम से कम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि इन गतिविधियों में शामिल भारतीयों को सख्त से सख्त सजा मिले।
” सामना के संपादकीय में कहा गया है कि यदि 16 अधिकारी जासूसी गतिविधियों में शामिल थे तो ‘आईएसआई के अड्डे‘ को भारत की जमीन से हटाया जाना चाहिए।