सूरत। महात्मा गांधी के पोते कनु रामदास गांधी का लंबी बीमारी के बाद सोमवार को निधन हो गया। उन्होंने सूरत के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली।
वे 87 साल के थे। पिछले महीने की 22 तारीख को सूरत में वे कार्डिएक अरेस्ट के शिकार हो गए थे।
इसके चलते उनके शरीर का बायां हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया था और वे कोमा में चले गए थे। कनु की कोई संतान नहीं है। राधाकृष्ण मंदिर और अहमदाबाद के रहने वाले धीमंत बढि़या उनके साथ थे। वे ही उनके इलाज का खर्च उठा रहे थे।
कनु ने अमेरिका के प्रतिष्ठित संस्थान एमआईटी से पढ़ाई की थी और नासा में भी काम किया था। कनु गांधी को लेकर पिछले दिनों खबर आई थी कि वे एक वृद्धाश्रम में रह रहे हैं।
यह खबर सामने आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका हाल-चाल जाना था। हालांकि बढिया ने बताया कि कनु गांधी को कभी सरकारी मदद नहीं मिली।