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भारत बंद से झारखंड को अलग रखा जायेगा : बाबूलाल मरांडी

babuरांची। 500 और 1000 के नोट के विरोध में 28 नवम्बर को आहूत भारत बंद से झारखंड को अलग रखा गया है।

25 नवम्बर को राज्य में सभी विपक्षी राजनीतिक दलों ने बंद बुलाया था, फिर 28 नवम्बर को बंद होने से जनता को परेशानी होगी।

इसलिए झारखंड को भारत बंद से अलग रखा गया है। यह जानकारी झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने दी। श्री मरांडी शनिवार को होटल अलोका में सर्वदलीय प्रेसवार्ता में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि यह निर्णय शुक्रवार को बिरसा मुंडा जेल कैंप में विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ बातचीत करने के बाद लिया गया। 28 नवम्बर को भारत बंद के दौरान झारखंड को बंद से अलग रखा जायेगा।

लेकिन नोट बंदी के विरोध में राजधानी के बिरसा चौक स्थित बिरसा मुंडा की प्रतिमा के समक्ष जनसभा का आयोजन किया जायेगा जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल होंगे।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा जिला मुख्यालयों में भी विपक्षी दलों के नेता भी शामिल होंगे। नोट बंदी से गरीबों, मजदूरों, मरीजों को परेशानी हो रही है। सरकार इससे निपटने के लिए कोई योजना नहीं है। आज भी कई एटीएम में लंबी लाइन लगनी पड़ रही हैं।

उन्होंने कहा कि जब तक सरकार सुचारू रूप से निपटने के लिए इसकी व्यवस्था नहीं कर लेती है, तब तक पुराने 500 और 1000 के नोट को चलाया जा सके। उन्होंने कहा कि नोट बंदी के पूर्व ही भाजपा नेताओं को सूचना मिल गयी थी, जिस कारण भाजपा नेताओं ने उसी दिन 3 करोड़ रूपये अपने खातों में जमा किये।

मौके पर भाकपा नेता भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि नोट बंदी से आम जनता त्रस्त है, लेकिन सरकार को जनता की परवाह नहीं है। सरकार ने तैयारी किये बगैर ही 500 और 1000 के नोट को बंद कर दिया।

लोक सभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि विदेशों से काला धन लायेंगे, लेकिन वह देश के अंदर ही काला धन खोजने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि 28 नवम्बर को भारत बंद के दौरान झारखंड को मुक्त रखा गया है, लेकिन इसका विरोध जारी रहेगा। रांची सहित जिला मुख्यालयों में जनसभा किया जायेगा और सरकार की विफलता को जनता को बताया जायेगा।

मौके पर झामुमो महासचिव विनोद कुमार पाण्डेय ने कहा कि भारत बंद के दौरान 28 नवम्बर को बिरसा चौक पर नोट बंदी के विरोध में सभी विपक्ष जनसभा करेंगे। इसमें लोगों को बताया जायेगा कि नोट बंदी से जनता को क्या क्या समस्याएं हो रही हैं। राज्य की जनता परेशानी झेल रही है। साथ ही झामुमो सभी जिला मुख्यालयों में भी जनसभा करेगा।

माकपा नेता गोपीनाथ बक्शी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 500 और 1000 का नोट बंद कर जनता पर सर्जिकल स्ट्राईक की है। नोट बंदी कर इसका कोई विकल्प नहीं तलाशा गया।

सरकार को पहले इसकी व्यवस्था करनी चाहिए थी, इसके बाद ही नोट बंदी करनी चाहिए थी। कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने कहा कि नोट बंदी को सभी विपक्षी दलों ने विरोध किया है।

28 नवम्बर को सभी विपक्षी दल जन सभा में हिस्सा लेंगे। 18 दिन बीत जाने के बाद भी आज कई एटीएम में पैसे नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों के एटीएम में पैसे ही नहीं डाले जा रहे हैं, जिससे जनता को परेशानी हो रही है।

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