लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि कड़वी दवाई बीमार को दी जाती है। इसी प्रकार काला धन रखने वालों के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए थी,लेकिन सरकार की इस नीति ने स्वस्थ लोगों को भी बीमारों के साथ लाईन में खड़ा कर दिया है और जबरदस्ती कड़वी दवाई स्वस्थ लोगों को पिलाई जा रही हैं। नोटबंदी का सबसे ज्यादा नुकसान भारतीय जनता पार्टी को ही उठाना होगा। क्योंकि देश की जनता नोटबंदी से त्रस्त हो गयी है।
यह टिप्पणी शनिवार को एक निजी कार्यक्रम में करते हुए श्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा अपनाये गये एक नाकाम तरीके की वजह से पूरे देश में बेरोजगारी फिर से दस्तक देगी।
श्री यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी काला धन के खिलाफ है लेकिन जिस प्रकार से एकाएक बिना तैयारी यह किया गया यह तरीका सही नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले तो प्रधानमंत्री विदेशी बैंकों में जमा धन देश में लाने की बातें करते थे। वो तो ला नहीं पाये।
प्रधानमंत्री ने अपने ही देशवासियों को लूटा है जिनको उन्होंने ‘‘मेक इन इंडिया’’ का वायदा किया था। क्या यही बेहतर भारत है? उन्होंने कहा कि प्रधनमंत्री ने एक ऐसा देश बना दिया है जिसमें यदि हम उनकी किसी गलत बात के विरुद्ध आवाज उठाते हैं तो हमें देशदोही और भ्रष्टाचारी कहा जायेगा।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने टैक्स जमा करने के बाद जो पैसा नगदी के रुप में घर में रख रखा था वो भी इस नीति से डर रहे हैं कि कहीं उन्हें भी देशद्रोही और काला धन रखने वाला कह दिया जायेगा। किसी तरीके से जो महिलाएं सालों साल नगद पैसा जमा करती रही, उपहार या नगद के रुप में, उन सबको भी इस नीति ने भ्रष्टाचारियों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया।
श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे विशाल प्रदेश की ज्यादातर जनता खेती पर आधारित है और किसान व मजदूर मोदी की नोटबंदी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। शहरी क्षेत्र में व्यापारी और छोटे दुकानदारों का कारोबार चौपट हो रहा है।
किसानों व ग्रामीण लोगों के एकाउंट सहकारी बैंकों में ही होते हैं लेकिन मोदी सरकार ने सहकारी बैंकों के लेन देन पर पूर्णतया रोक लगा रखी है। जो छूट दी गयी है वह सिर्फ उन किसानों को है जिनका भुगतान क्रेडिट कार्ड या चैक आदि से हुआ हो। इसके अलावा खाद व बीज आदि की खरीद भी सरकारी दुकानों पर दी गयी है जबकि किसान खाद व बीज सहकारी समितियों से खरीदता है
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