नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने भारत में बने पहले फाइटर प्लेन तेजस को रिजेक्ट कर दिया है। नेवी का कहना है कि ज्यादा वजन होने की कारण से एयरक्राफ्ट कैरियर से ऑपरेशन में परेशानी आ रही है।
नेवी चीफ एडमिरल सुनील लांबा का कहना है कि सिंगल इंजन वाला तेजस पूरा टैंक ईधन भरने और हथियारों से लैस होने के बाद काफी भारी हो जाता है।ऐसे में तेजस को टेक ऑफ कराने और लैंड कराने में काफी परेशानी आती है।
नेवी ने 5-6 साल में इसका विकल्प तलाशने के बारे में सोचना शुरू कर दिया है। नेवी ऐसे एयरक्राफ्ट की पहचान करने में लगी है जो उनकी जरूरतों पर खरा उतरे।
गौरतलब है कि तेजस इसी वर्ष नेवी में शामिल हुआ था। यह स्वदेशी तकनीक वाला पहला फाइटर प्लेन है। तेजस 3000 किमी तक मार कर सकता है। इसकी अधिकतम गति 2205 किमी प्रति घंटा है।
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