जयपुर। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) देश का पहला कैशलेस विश्वविद्यालय बन गया है।
यहां अब कोई भी लेनदेन नकद नहीं किया जाएगा । विश्वविद्यालय ने केन्द्र सरकार के कैशलेस अर्थव्यवस्था मिशन से जुड़कर यह कदम उठाया हैं।
विवि के आवेदन पत्र से लेकर छात्रों की फीस तक कहीं भी नकदी जमा नहीं होगी। बैंक ड्राफ्ट भी नहीं लिए जाएंगे। सब ऑनलाइन ही होगा।
इग्नू के कुलपति प्रोफेसर रविंद्र कुमार ने बताया कि इग्नू के सभी ऐसे पाठ्यक्रम जिनमें सीधे प्रवेश लिए जाते हैं, उनके आवेदन पत्र और प्रॉस्पेक्टस निःशुल्क देने का फैसला लिया गया है।
विश्व के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में शामिल इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) जिन पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा होती है वहां ई-ट्रांजेक्शन से ही भुगतान होगा।
विवि में दाखिला लेने पर छात्रों को इग्नू स्टूडेंट्स डेबिट कार्ड दिया जाएगा जिसका प्रयोग वे इग्नू की सेवाओं के साथ ही निजी ट्रांजेक्शंस में भी कर सकेंगे।
ये कार्ड यूनीक आईडेंटिफिकेशन ऑफ इंडिया अथॉरिटी व यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की ओर से दिया जाएगा। इसी कड़ी में विश्वविद्यालय ने आओ हम डिजिटल हो जाएं प्रशिक्षण कार्यक्रम की भी शुरुआत की गई है ।