चंडीगढ़। केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने गीता के संदेश के माध्यम से जो राह बताई थी हम उस रास्ते पर चलना भूल गए हैं।
एक हिन्दी गाने-जहां डाल-डाल पर सोने की चिडिय़ा करती बसेरा, ऐसा भारत देश है मेरा, का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि स्वर्ण जयंती वर्ष में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव मनाने से हरियाणा की धरती से एक बार फिर देश के पुनरोत्थान की शुरुआत होगी। हम एक बार फिर भगवान श्री कृष्ण के दिखाए रास्ते पर अग्रसर होंगे।
केंद्रीय मंत्री शुक्रवार को कुरूक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय गीता संगोष्ठी तथा संत सम्मेलन के समापन अवसर पर देश के 574 जिलों से आए गीता प्रेमियों, उपस्थित गीता मनीषियों और संत समाज को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण ने अर्जुन को जो संदेश दिया वह केवल अर्जुन के लिए न होकर हम सबके लिए था। अर्जुन उस समय दुविधा में था, जिसे भगवान श्री कृष्ण ने सिखाया कि लडऩा उसका धर्म है।
उन्होंने कहा कि हमारे मकसद भले ही अलग-अलग हों, लेकिन उद्देश्य एक ही है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर का धर्म मरीज को ठीक करना है, शिक्षक का धर्म शिक्षा देना और नेता का धर्म लोगों की सेवा करना है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि हम एक बार फिर अपने पुराने गौरव का हासिल करेंगे।
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