लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने मोदी की रैली पर पलटवार करते हुए कहा कि रैली में आई भीड़ भाड़े पर लाई गयी थी।
उन्होंने भाजपा की हुई परिवर्तन रैली को फ्लॉप बताते हुए कहा कि पहले की इनकी रैलियों की तरह ही इस बार भी जिले के बाहर के भाड़े के लोगों की और टिकटार्थियों द्वारा स्वार्थ की ही भीड़ इकट्ठा हुई।
मायावती ने कहा मोदी कहते हैं कि हमें संसद में बोलने नहीं दिया जाता इसलिए जनसभा में बोलते हैं। उन्होंने कहा यह बिलकुल उसी तरह है कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। देश के प्रधानमंत्री को इस प्रकार से रोना-धोना करना व उस माध्यम से जनता को वरगलाने का प्रयास करना थोड़ा भी शोभा नही देता है।समस्या दूर करने की बजाय पीएम रोते हैं ।
मायावती ने कहा कि सरकार द्वारा 500 व 1000 रुपए की नोटबन्दी का फैसला 90 प्रतिशत ईमानदार देशवासियों के लिए एक गम्भीर समस्या बन गयी है। लेकिन पीएम इस समस्या को जल्दी दूर करके लोगों को राहत पहुंचाने के बजाय अपना ही रोना रोते रहते हैं।
लोगों की शिकायत यह रही है कि पीएम नरेन्द्र मोदी संसद का सत्र जारी रहने के बावजूद अक्सर संसद के बाहर ही बयानबाज़ी करते हैं और इस प्रकार संसद का अपमान करते हैं। उन्होंने कहा कि पीएम के नोटबन्दी का फैसला खोदा पहाड़ और निकली चुहिया की ही तरह साबित हुआ है।
मायावती ने कहा कि भाजपा, पीएम और उनके केन्द्रीय मंत्रियों द्वारा लगातार दौरे करके छोटी से छोटी योजनाओं का शिलान्यास व अनेकों प्रकार की जो घोषणायें की जा रही हैं। यह सब एक छलावा है। वास्तव में वे सब लोकसभा आमचुनाव की तरह ही, ज़्यादातर को चुनाव के बाद ठण्डे बस्ते में डाल दिया जाएगा।
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