नई दिल्ली। नोटबंदी के आलोचकों को खारिज करते वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि बडे मूल्य के पुराने नोटों को बंद करने प्रभाव उतना प्रतिकूल नहीं है जैसा कहा जा रहा था।
उन्होंने यह भी कहा कि कर संग्रह, रबी की बुवाई समेत विभिन्न प्रकार की आर्थिक गतिविधियों में तीव्र वृद्धि हुई है।
पुराने 500 और 1,000 रपये के नोटों को बैंकों में जमा करने की 50 दिन की समयसीमा कल समाप्त होने से पहले उन्होंने कहा कि नये नोटों को चलन में डालने के काम में बहुत प्रगति हो चुकी है। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि नोटबंदी को लेकर कहीं कोई उपद्रव नहीं हुआ।
वित्त मंत्री ने पीटीआई भाषा से बातचीत में जीडीपी वृद्धि पर असर या राजस्व संग्रह में वृद्धि के कारण उनके 2017-18 के बजट में कर प्रस्तावों पर संभावित प्रभाव के बारे में कुछ भी अनुमान जताने से मना कर दिया।
यह पूछे जाने पर कि नकद निकासी पर लगी सीमा कब हटेगी, उन्होंने कहा, ‘‘इस बारे में निर्णय केंद्रीय बैंक विभिन्न पक्षों से परामर्श करके करेगा।’
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