लखनऊ। सत्तारुढ समाजवादी पार्टी के दोनों गुटों में ‘साइकिल’ पर कब्जे को लेकर जारी शक्ति प्रदर्शन अब अंतिम दौर में पहुंच गयी है।
सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और उनके मुख्यमंत्री पुत्र अखिलेश यादव चुनाव आयोग के सामने अपना दावा मजबूत करने के लिये समर्थकों द्वारा हस्ताक्षरित हलफनामे एकत्र करने में जुट गये हैं।
मुलायम अपने अनुज शिवपाल सिंह यादव के साथ चुनाव आयोग में अपना पक्ष रखने के लिये आज एक बार फिर दिल्ली रवाना हुए मुलायम और शिवपाल के दिल्ली रवाना होने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने सरकारी आवास पर अपने समर्थक विधायकों तथा अन्य नेताओं से मुलाकात की और उनसे पार्टी के चुनाव चिह्न साइकिल पर दावा ठांेकने के लिये जरुरी शपथपत्रों पर हस्ताक्षर कराये।
अखिलेश गुट का दावा है कि बैठक में 200 से ज्यादा विधायकों और विधान परिषद सदस्यों ने अखिलेश के पक्ष में हलफनामों पर हस्ताक्षर किये हैं।
बैठक में शामिल कैबिनेट मंत्री रविदास मेहरोत्रा ने बाद में संवाददाताओं को बताया, ‘‘मुख्यमंत्री ने हमसे कहा कि मुलायम सिंह यादव जी मेरे पिता हैं। हमने उनसे कहा है कि तीन महीने के लिये हमें पूरे अधिकार मिल जाएं और हमारे फिर से सत्ता में आने के बाद आप :मुलायम: जो निर्णय चाहें, वह कर लीजिये।
सरकार के एक अन्य मंत्री शंखलाल मांझी ने कहा कि नेताजी :मुलायम: के बिना सपा अधूरी है। मुख्यमंत्री सपा का चेहरा हैं। चेहरे के बगैर सपा सरकार के बारे में सोचना बेकार है।
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