लखनऊ। आखिरकार तय हो ही गया कि समाजवादी पार्टी का असल वारिस कौन है और उसका चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ किसकी है। तय हो ही गया कि ‘उम्मीद की साइकिल’ का असल हकदार अखिलेश यादव ही है।
चुनाव आयोग ने लम्बे इंतजार के बाद अंतत: सोमवार देर शाम अपना फैसला अखिलेश यादव के पक्ष में सुना ही दिया। ऐसे में जहां समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव खेमे की जीत हुई है तो वहीं पार्टी के सर्वेसर्वा मुलायम सिंह यादव को अपने ही पुत्र से हार का मुंह देखना पड़ा। अब देखना होगा कि राजनीति के साथ ही कुश्ती में भी महारत रखने वाले सपा के सर्वेसर्वा मुलायम सिंह यादव का अगला दांव क्या होगा।
नए साल की सुबह समाजवादी पार्टी में दो फाड़ करते हुए हुई। जिसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर अखिलेश यादव की ताजपोशी हुई और अब तक इस पद रहे मुलायम सिंह यादव को पार्टी का संरक्षक बनाने का ऐलान हुआ। बस यहीं से विवाद की नींव और गहरी हो गयी और पार्टी तथा चुनाव चिन्ह को लेकर मामला निर्वाचन आयोग तक पहुंच गया। मुलायम और अखिलेश दोनों ही धड़ों ने आयोग के सामने अपनी–अपनी दलीलें पेश कीं और फिर आयोग ने खासी मत्थापच्ची के बाद अखिलेश यादव खेमे के पक्ष में अपना फैसला सुनाया है।
चुनाव आयोग का फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खेमे के मुख्य रणनीतिकार प्रो. रामगोपाल यादव ने कहा कि यही फैसला संभावित था क्योंकि पार्टी के 90 फीसदी लोग अखिलेश यादव के साथ हैं और वे ही बहुमत में हैं। चुनाव चिन्ह मिलने के बाद कांग्रेस व अन्य दलों के साथ गठबंधन के सवाल पर प्रो. यादव ने कहा कि हालांकि इसका फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन भी होगा और सूबे में एक बार फिर अखिलेश यादव के नेतृत्व में ही सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि अब जद ही एक–दो दिन में पहले दो–तीन चरण के प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी जायेगी।
इस बीच सूत्रें के मुताबिक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आगामी 19 जनवरी से आगरा और अलीगढ में रैलियों को सम्बोधित कर विधानसभा के चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे। वहीं इससे पहले श्री यादव 18 जनवरी को उम्मीदवारों की सूची और चुनाव घोषणा पत्र जारी करेंगे। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री चुनाव प्रचार अभियान के दौरान कम से कम तीन रैलियों को सम्बोधित करेंगे। उनका कहना था कि प्रचार अभियान के शुरु करने से पहले श्री यादव कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल से गठबंधन को अंतिम रुप दे देंगे। इस बार मुख्यमंत्री की पत्नी डिम्पल यादव भी पार्टी की स्टार प्रचारक होंगी।