लखनऊ। समाजवादी पार्टी के नाम और निशान की लड़ाई जीतने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि हम नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने सपा कार्यकर्ताओं से संयम बरतने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में जाकर चुनाव की तैयारी करें। नेताजी का चेहरा सपा की पहचान है। चुनाव आयोग का फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री अपने पिता मुलायम सिंह यादव से मिलने उनके घर भी पहुंचे।
वहीं प्रो. रामगोपाल यादव ने चुनाव आयोग के फैसले को स्वागत योग्य बताया। उन्होंने कहा कि यह चुनाव आयोग का न्यायसंगत फैसला है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि महागठबंधन होगा, लेकिन इस पर फैसला अखिलेश यादव होंगे। चुनाव आयोग ने 42 पेज के अपने आर्डर में अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष मानते हुए साइकिल सिम्बल के भी इस्तेमाल की इजाज़त दी।
वहीं प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने कहा कि साइकिल की जीत यूपी की जनता की जीत है। अखिलेश यादव भविष्य के प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि हम जल्द ही अपना घोषणा पत्र जारी करेंगे, जो बेहद खास होगा। इसके साथ ही पार्टी प्रत्याशियों की सूची 24 से 36 घण्टे में जारी कर दी जायेगी। उन्होंने कांग्रेस से गठबन्धन की भी पुष्टि की।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नेताजी हमारे आदरणीय और हमारे साथ हैं, वहीं शिवपाल यादव बड़े भाई हैं। शिवपाल यादव अब अपनी भूमिका खुद तय करें। उन्होंने कहा कि साजिश करने वाले अब पूरी तरह से बाहर हैं। वहीं राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने चुनाव आयोग के फैसले के बाद ट्वीट करके कहा कि समाजवादी पार्टी एकजुट है, सब पहले जैसा हो गया है।
उन्होंने कहा कि नेताजी अब अखिलेश को आर्शीवाद देंगे। भाजपाई हाथ मलते रह गए। इस बीच चुनाव आयोग का फैसला आने के अखिलेश समर्थक उनके सरकारी आवास पांच कालीदास मार्ग के बाहर एकत्र होने लगे थे। समर्थकों की नारेबाजी और माहौल को देखते हुए सीएम आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।