इंदौर। विशेष सीबीआई अदालत ने वर्ष 2011 के बहुचर्चित शहला मसूद हत्याकांड में मामले की मास्टरमाइंड जाहिदा परवेज समेत 4 लोगों को आज आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि सरकारी गवाह बने आरोपी को क्षमादान दे दिया।
भोपाल की आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या के करीब साढ़े पांच साल पुराने मामले मेें जाहिदा के साथ उसकी अंतरंग सहेली सबा फारकी, भाड़े के हत्यारों का इंतजाम करने वाले शाकिब अली उर्फ ‘डेंजर’ और भाड़े के कातिल ताबिश को भारतीय दंड विधान की धारा 302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक साजिश) और अन्य संबंध धाराआें के तहत दोषी करार दिया।
जाहिदा ने खुद को बताया बेगुनाह
इस बीच, जाहिदा ने अपने खिलाफ सुनाए गए फैसले पर असंतोष जाहिर किया और मीडिया के कैमरों के सामने चीखते हुए खुद को बेगुनाह बताया। कैदियों को जेल से लाने वाली गाड़ी के दरवाजे पर खड़ी अहम मुजरिम ने आरोप लगाया, ‘मुझे ताज्जुब है कि बिना सबूतों और गवाहों के इतना बड़ा फैसला सुना दिया गया।
यह सीबीआई का दबाव है, जो मध्यप्रदेश में चलता है।’ जाहिदा, शाकिब और ताबिश के वकील संजय शर्मा ने कहा कि वह विशेष सीबीआई अदालत के फैसले के खिलाफ मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal