मुम्बई। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को कहा कि यदि महाराष्ट्र में भाजपा सरकार अल्पमत में आ जाती है तो उनकी पार्टी उसे नहीं उबारेगी और उन्होंने शिवसेना को समर्थन वापस लेने की चुनौती दी।
पवार ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम राज्यपाल को इस बात का पत्र देने को तैयार हैं कि यदि शिवसेना देवेंद्र फड़णवीस सरकार से समर्थन वापस लेती है तो राकांपा उसका समर्थन नहीं करेगी।
लेकिन उद्धव ठाकरे को पहले फड़णवीस सरकार से समर्थन वापस लेते हुए राज्यपाल को पत्र देना चाहिए और उस पत्र को सार्वजनिक भी करना चाहिए। उद्धव ठाकरे के इस बयान पर कि राकांपा जब कहती है कि यदि शिवसेना समर्थन वापस लेगी तो वह भाजपा का समर्थन नहीं करेगी, उन्हें उस पर यकीन नहीं होता, पवार ने कहा कि उन्हें उनसे विश्वास के प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है।
नगर निकाय चुनाव के सिलसिले में भाजपा से नाता तोड़ चुके उद्धव ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार में बने रहने के विषय पर वह 23 फरवरी को नगर निकाय चुनाव नतीजे आ जाने के बाद फैसला करेंगे। मराठा क्षत्रप ने कहा कि दो साल पहले उनकी पार्टी ने भाजपा (जिसने अधिकतम सीटें जीती थी) के लिए समर्थन की घोषणा इसलिए की थी कि क्योंकि किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था और राकांपा विधानसभा चुनाव के तत्काल बाद अस्थिरता नहीं चाहती थी।
पवार ने कहा कि भाजपा ने पहली बार सरकार बनायी थी और लोगों ने सोचा कि पार्टी को प्रदर्शन का एक मौका दिया जाना चाहिए। लेकिन दो साल बाद लोगों को अहसास हो चुका है कि भाजपा अच्छी नहीं है। अतएव सरकार का समर्थन करने का सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा का केंद्रीय नेतत्व शिवसेना को कमजोर करने की साजिश रच रहा है।
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