नई दिल्ली । गुजरात में आईएसआईएस से जुड़े दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इन दोनों को गुजरात आतंक विरोधी दस्ते ने गिरफ्तार किया है।
ये दोनों सगे भाई है और दोनों कंप्यूटर के अच्छे जानकार है। संदिग्ध आतंकियों के नाम वसीम और नईम रामोदिया बताया जा रहा है।
मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, इन दोनों के निशाने पर सौराष्ट्र का मशहूर मंदिर चोटियां, मॉल्स और अन्य मशहूर जगह थे। इनमें से एक भाई को राजकोट और दूसरे को भवनगर से गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, इनमें से एक क्रिकेट अंपायर का बेटा और दूसरा भाई बताया जा रहा है।
दोनों थे आईएसआईएस के संपर्क में
दोनों के पास से कंप्यूटर और मोबाइल फोन से प्रतिबंधित साहित्य सामग्री भी बरामद की गई हैं। एटीएस के उप-अधीक्षक के.के. पटेल ने बताया कि दोनों संदिग्ध पिछले डेढ़ साल से पुलिस के रडार पर थे। आरोप है कि दोनों ट्विटर, फेसबुक और टेलीग्राम नाम के मैसेजिंग एप के जरिए आईएसआईएस के संपर्क में थे।
यह अटैक’ करना चाहते थे संदिग्ध आतंकी
पुलिस की मानें तो वसीम और नईम पश्चिमी देशों में हुए कई हमलों की तर्ज पर यहां भी ‘लोन वुल्फ’ हमलों को अंजाम देने की फिराक में थे। ‘लोन वुल्फ’ हमलों में अक्सर कोई बड़ा रैकेट नहीं होता। आतंकी इसे अपने स्तर पर ही अंजाम देते हैं। लिहाजा इन्हें रोकना ज्यादा कठिन होता है। माना जा रहा है कि दोनों संदिग्ध अगले कुछ दिनों में बम धमाके भी करने वाले थे।
ऐसे काम करता है ‘लोन वुल्फ’ अटैकर
‘लोन वुल्फ’ अटैक का मतलब ऐसा घातक हमला जिसे बिना टीम के अंजाम दिया जाता है। इस हमले के मॉड्यूल में अकेला आतंकी ही ऐसे हमले को अंजाम दे सकता है, जिसमें वह ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनी जद में ले सके। दरअसल ‘लोन वुल्फ’ अटैक भेड़िए की तरह अकेले हमला करने की रणनीति है। इस अटैक में छोटे हथियारों, चाकुओं, ग्रेनेड का इस्तेमाल किया जाता है। ये ग्रुप लीडर से जुड़े बिना हमला करते हैं।
इस मैगजीन में है ‘लोन वुल्फ’ अटैक का जिक्र
ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों के लिए किसी अकेले आतंकी के काम करने का पता लगाना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे हमले काफी कम खर्च में अंजाम दिए जाते हैं। हालांकि कई बार इसमें आतंकियों का ग्रुप भी शामिल हो जाता है। बता दें कि आईएसआईएस की मैगजीन ‘इंसपायर’ में ऐसे हमले के बारे में जिक्र किया गया है।