लखनऊ। दशकों से अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी कब्जा रहा है।
इन संसदीय सीटों के तहत आने वाली विधान सभा सीटों पर अधिकांश समय कब्जा रहा है किन्तु 2012 में सपा ने विधान सभा सीटों पर कब्जा जमा लिया ।
पिछले लोकसभा चुनव में भाजपा प्रत्याशी के तौर पर अमेठी से स्मृति ईरानी ने भाजपा का कब्जा करने की असफल कोशिश की किन्तु लोस चुनाव के बाद केन्द्र में मंत्री बनाए जाने के बाद भी स्मृति ईरानी ने अमेठी और रायबरेली का दौरा करके भाजपा कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने का काम लगातार किया।
वर्तमान विधान सभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने अमेठी तथा रायबरेली संसदीय सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में जमकर प्रचार किया जिसका फल भाजपा के पक्ष में विधान सभा की कई सीटें मिलने के रुप में मिला। अमेठी विधान सभा सीट से कांग्रेस नेता डा संजय सिंह की पहली पत्नी को भाजपा ने चुनाव लडाया जिसके पक्ष में स्मृति ईरानी ने पूरा जोर लगाया। दूसरी तरफ सपा के मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और डा संजय सिंह की दूसरी पत्नी अमिता सिंह चुनाव मैदान में रही। कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी ने प्रचार किया।
अखिलेश यादव ने भी गठबन्धन के प्रत्याशी को जिताने का प्रचार किया। इसके विपरीत सोनिया गांधी ने एक पत्र लिख अमेठी व रायबरेली की जनता से सपा गठबन्ध के प्रत्याशियों को जिताने की अपील की। इस प्रकार कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और अखिलेश के प्रचार करने के बाद भी स्मृति ईरानी ने हार नहीं मानी । स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी के संसदीय सीट के तहत आने वाली अमेठी समेत सभी सीटों पर भाजपा के उम्मीदवारों को चुनाव जिलाने में सफलता हासिल की। इसके साथ ही रायबरेली संसदीय सीटों में से आधी सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को जिताने में कामयाबी हासिल की।
इस प्रकार अमेठी और रायबरेली में पंजे के वर्चस्व को तोड़ने में स्मृति ईरानी ने कामयाबी हासिल की और भाजपा को उत्तर प्रदेश में बडी जीत दर्ज करने में अमेठी व रायबरेली की सहभागिता सुनिश्चित करने का काम किया। यहां पर यह भी उल्लेखनीय है कि प्रियंका गांधी ने अमेठी और रायबरेली संसदीय सीटों पर ही प्रचार किया बाबजूद इसके वे कांग्रेस को ज्यादा सीटें जिताने में कामयाब नहीं हो सकी। इस प्रकार कांग्रेस नेताओं का इन दोनों ही जिलों की विस सीटों पर बर्चस्व टूट गया।