पेइचिंग । बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा की अरुणाचल यात्रा से भड़के चीन ने एक बार फिर कहा है कि इससे भारत और पेइचिंग के रिश्तों पर ‘नकारात्मक असर’ पड़ेगा।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लुई कांग ने कहा कि दलाई लामा की यात्रा से सीमा विवाद मुद्दे को सुलझाने पर असर पड़ेगा। चीन ने साथ ही भारत पर तिब्बत मसले पर प्रतिबद्धता तोड़ने का भी आरोप लगाया। कांग ने कहा कि चीन अपनी सीमा की रक्षा के लिए ‘आगे की कार्रवाई’ करेगा।
कांग ने दलाई लामा और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के भड़काऊ बयान की भी निंदा की। खांडू ने कहा था कि राज्य की सीमा केवल तिब्बत से मिलती है, चीन से नहीं। उन्होंने कहा कि चीन की आपत्ति के बावजूद भारत ने दलाई लामा की यात्रा के लिए व्यवस्था की। चीनी प्रवक्ता ने साथ ही आरोप लगाया कि कुछ खास भारतीय अधिकारियों ने भड़काऊ राजनीतिक बयान दिए हैं। हालांकि, उन्होंने बयान में पेमा खांडू का नाम नहीं लिया। कांग ने कहा, ’14वें दलाई लामा की गतिविधि अब सीमा पार कर गई है।’ बता दें कि भारत ने दलाई लामा की आरुणाचल यात्रा को एक धार्मिक यात्रा बताया था और कहा था कि चीन इस मुद्दे को राजनीतिक रंग न दे।
चीन को भी पता है कि भारत में अब सोनिया और मनमोहन के नेत्रत्व वाले यूपीए का श्सन नहीं हैं ! इसलिये अब भों भों करने के सिवाय अर कुछ नहीं कर सकेगा !! चीन तो पहले ही हर काम में भारत के खिलाफ ही खड़ा है ! अब अर क्या उखाड़ लेगा ! उल्टा जो नुकसान होना है वह चीन का ही होगा ! भारत को तो उल्टा चीन के दोयम द…
उन्होंने कहा, ‘भारत ने तिब्बत से जुड़े मसलों पर अपनी प्रतिबद्धता को तोड़ा है। इससे दोनों देशों के बीच सीमा विवाद बातचीत से सलुझाने पर असर पड़ेगा। चीन ने इस मसले पर भारत से विरोध जताया है। इसके अलावा पेइचिंग अपनी सीमा और राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएगा।’ गौरतलब है कि चीन दलाई लामा की अरुणाचल का यात्रा का विरोध करता रहा है। चीन ने पिछले एक महीने में तीन बार से ज्यादा भारत से अपना विरोध जता चुका है। चीन अरुणाचल के तवांग को अपना अंग मानता है। हालांकि भारत चीन के इस दावे को खारिज करता रहा है।