अहमदाबाद: गुजरात के दलित नेता और वडगाम से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी का कहना है कि अंबेडकरवाद आंदोलन पर नक्सलाइट का ठप्पा लगाने की साजिश हो रही है. जिसमे भीमा-कोरेगांव हिंसा के मामले में एक आरोपी के घर से मिले पत्र को जरिया बनाया जा रहा है.मेवाणी ने कहा कि जो पत्र मिला है वो फालतू है. हमें तो अंबेडकर आधारित आंदोलन पर नक्सलाइट का ठप्पा लगाने की महाराष्ट्र सरकार की योजना लगती है. प्रकाश अंबेडकर पर भी उंगली कर रहे हैं, उन्हें शर्म आनी चाहिए. 
शेहला रशीद द्वारा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और आरएसएस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने में शामिल होने के आरोप पर मेवाणी –
मेवाणी ने कहा कि अगर किसी ने ऐसा ट्वीट किया है तो हम उसके समर्थक नहीं हैं. लेकिन सवाल यही है कि मोदी को कौन मार सकता है, उनका सीना तो 56 इंच का है. सुरेंद्र नगर जिले के दलित को गोली लग सकती है. मोदी तो 56 इंच का सीना लेकर निकलते हैं, तो उनको कहां डरना है. फिर भी उन्हें डर लग रहा है तो हमारी नसीहत है कि वो हिमालय चले जाएं.
गोरखपुर में डॉक्टर कफील खान के भाई पर हुए हमले पर मेवाणी
दलित नेता और गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी का कहना है कि फिजूल के खर्च पर सभी राज्यों की सरकारें करोड़ों रुपये खर्च करती हैं. यूपी सरकार की ओर से महज 60 लाख रुपये नहीं दिए जाने की वजह से गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में कई बच्चों की मौत हो गई थी, उस वक्त डॉक्टर कफील खान ही थे जिनके प्रयास से कई बच्चों की जान भी बची. इस बात का श्रेय दिए जाने की बजाए उन पर मुकदमा दायर कर दिया गया. जब वो जेल से निकलकर बाहर आए तो उन्होंने कहा था कि उन्हें आशंका है कि उन पर या उनके परिवार पर हमला हो सकता है. कल उनके भाई पर हमला हुआ तो इसके पीछे भी कोई न कोई साजिश लग रही है.
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal