दिल्ली के पास नोएडा एक्सटेंशन के शाहबेरी गांव में दो इमारतें गिरने से हुए हादसे में अबतक 9 लोगों की मौत हो चुकी है. सुबह मलबे से डेढ़ साल की बच्ची की शव निकाला गया है. अब भी कई और लोग मलबे में दबे हो सकते हैं. राहतकर्मी इमारत का मलबा हटा कर जिंदगी की तलाश करने में जुटे हैं. इस हादसे के बाद अबतक 24 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. वहीं, चार लोग गिरफ्तार हुए हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बड़ी कार्रवाई
हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के तीन अफसरों को सस्पेंड कर दिया है. इनमें प्रोजेक्ट मैनेजर, असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर और ओएसडी शामिल हैं. अभी तक की जांच के मुताबिक इमारतें अवैध रूप से बन रही थीं. बिना नक्शा पास किए निर्माण किया जा रहा था और सुरक्षा मानकों का पालन भी नहीं किया गया था. सीएम योगी ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं. अधिकारियों और आस-पास रहने वालों ने इमारत के मलबे में कम से कम 50 लोगों के दबे होने की आशंका जताई.
बता दें कि 17 जुलाई रात करीब 9 बजे नोएडा एक्सटेंशन के शाहबेरी गांव में निर्माणाधीन बिल्डिंग पर पुरानी बनी हुई बिल्डिंग गिर गई. ये वही गांव है जहां कुछ साल पहले जमीन अधिग्रहण के खिलाफ किसानों ने बड़ा आंदोलन किया था. हादसे की चपेट में आई दो बिल्डिंगों में से एक पूरी तरह बनकर तैयार थी, उसमें लगभग 10-12 परिवार रह रहे थे. वहीं दूसरी बिल्डिंग निर्माणाधीन थी, जिसमें मज़दूर काम कर रहे थे.
अवैध निर्माण का नतीजा है ये हादसा
इस गांव का GNOIDA ने अधिग्रहण किया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस गांव का अधिग्रहण रद्द कर दिया था. जिसके बाद कई बिल्डरों को प्रोजेक्ट रद्द करने पड़े और कई लोगों ने यहां से अपना प्रोजेक्ट शिफ्ट कर दिया था. नोएडा प्राधिकरण ने इलाके में निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी. रोक के बावजूद बड़ी संख्या में यहां अवैध निर्माण हो रहा है. प्राइवेट बिल्डरों ने मुनाफा कमाने के लिए किसानों से जमीन लेकर इमारतें बना दीं. बताया जा रहा है कि इस इलाके में बनाए जा रहे फ्लैटों में घटिया सामान इस्तेमाल किया गया है.
कहां है शाहबेरी गांव?
यह गांव नोएडा एक्सटेंशन में गौर सिटी के पीछे की तरफ है. क्रॉसिंग रिपब्लिक और गौर सिटी के बीच फैला हुआ है. यहां किसानों ने जमीन अधिग्रहण के खिलाफ किसान आंदोलन हुआ था. शाहबेरी में अवैध रूप से फ्लैट बनाकर बेचे जा रहे थे. इस गांव में रोक के बावजूद अवैध निर्माण हो रहा है.