पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआइए) ने 35 अरब के मनी लांड्रिंग मामले में पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उनकी बहन समेत बीस संदिग्धों को भगोड़ा घोषित कर दिया है।
पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार एफआइए ने प्रसिद्ध बैंकर और आसिफ अली जरदारी के सहयोगी हुसैन लवाई और अन्य संदिग्धों को अदालत में पेश किया। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की सह अध्यक्ष और जरदारी की बहन फरयाल तलपुर, एक निजी बैंक के अध्यक्ष और अन्य 18 लोगों को भगोड़ा घोषित किया गया है। इन भगोड़ों के खिलाफ चालान काटा गया है।
लवाई पर आरोप है कि उन्होंने समिट बैंक, सिंध बैंक और यूनाइटेड बैंक लिमिटेड 29 फर्जी खाते खुलवाने में मदद की। इसलिए एफआइए ने उन्हें इस महीने की शुरुआत में गिरफ्तार कर लिया गया था। पिछले हफ्ते लवाई और समिट बैंक के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ताहा रजा को मनी लांड्रिंग मामले में रिमांड पर जेल भेज दिया गया था।
लवाई और अन्य के खिलाफ पुलिस की दर्ज शिकायत में कहा गया है कि अरबों रुपये फर्जी खाते में जमा किए। उसके बाद इस रकम को जरदारी और उनकी बहन की कंपनी जरदारी ग्रुप और अन्य लाभार्थियों तक पहुंचाया गया है। मनी लांड्रिंग के जरिए जरदारी की कंपनी को तीस लाख रुपये मिलने का आरोप है।
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal