पाकिस्तान में आम चुनाव किसी ‘जंग’ से कम नहीं होता है। प्रचार के दौरान चुनावी रैली में कब हमला हो जाए कहा नहीं जा सकता। रैली में लोगों के बीच खड़ा आत्मघाती हमलावर कब ब्लास्ट कर दे पता नहीं चलता। इस बार भी आम चुनाव के प्रचार के दौरान ऐसे कई हमले देखने को मिले। ये हमले मतदान के दिन भी जारी है। बलूचिस्तान के क्वेटा में मतदान के दौरान एक जबरदस्त बम धमाका हुआ, जिसमें काफी लोगों की जान चली गई है। अन्य देशों के लिए ये चौंकाने वाला हमला हो सकता है, लेकिन पाकिस्तान की आवाम और प्रशासन के लिए इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है। दरअसल, पाक प्रशासन को ऐसे हमलों का अंदेशा था, इसलिए पेशावर में पहले से ही 1000 कफन की व्यवस्था कर दी गई थी।
पेशावर के डिप्टी कमिश्नर इमरान हामिद शेख ने एक पाकिस्तानी अखबार को बताया कि उन्होंने मतदान दिवस के लिए पहले से ही 1000 कफन (दफन करने की जगह) की व्यवस्था कर रखी है। उन्होंने कहा, ‘हम आशा करते हैं कि मतदान शांतिपूर्वक हों, लेकिन हम आपात स्थिति से निपटने के लिए भी तैयार हैं।’ साथ ही इमरान ने बताया कि अफगान शरणार्थियों को भी 25 जुलाई को अपने कैंपों में ही रहने के लिए कहा गया है। हवाई फायरिंग, ब्लैक शीशे और अपंजीकृत गाडि़यों के पेशावर में एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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