जानसेनगंज चौराहे पर पूर्व सांसद अतीक अहमद के भाई अशरफ की चार मंजिला इमारत एडीए ने रविवार को ध्वस्त करा दी। 12 घंटे से अधिक चली ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में किराए पर मंगाई गई एक पोकलैंड मशीन और छह जेसीबी लगाई गई थीं। ध्वस्तीकरण के साथ 100 से अधिक मजदूर लगाकर नगर निगम की दस गाड़ियों से मलबा भी हटाने का काम चलता रहा। सिटी मजिस्ट्रेट और पुलिस-पीएसी के साथ एडीए के अफसर देर रात तक मौके पर ही डटे रहे।
शुक्रवार को जानसेनगंज चौराहे पर स्थित करीब डेढ़ सौ वर्ष पुरानी बिल्डिंग के स्वामित्व के बारे में प्रशासनिक और एडीए अफसरों ने अनभिज्ञता जताई थी। उस दिन उस बिल्डिंग का आंशिक भाग ध्वस्त किया गया था। बताया गया था कि सड़क चौड़ीकरण और चौराहा सुंदरीकरण में बाधा दूर की गई है। तब अफसरों ने बिल्ंिडग को जर्जर बताकर जल्द पूरी तरह से ध्वस्त करने की बात कही थी।
रविवार दोपहर करीब 12 बजे सिटी मजिस्ट्रेट अशोक कुमार कन्नौजिया, एसपी सिटी बृजेश श्रीवास्तव, एडीए के सचिव गंगा राम गुप्ता, प्रवर्तन दल प्रभारी आलोक कुमार पांडेय, जोनल अधिकारी जेआर मौर्या, तीन सीओ, कई थानों की पुलिस और पीएसी बल के साथ जानसेनगंज चौराहे पर पहुंचे। थोड़ी देर बाद जेसीबी और पोकलैंड मशीन आ गई। चौक और लीडर रोड का रास्ता बंद कर बैरीकेडिंग कर दी गई। फिर इमारत के ध्वस्तीकरण का काम शुरू कराया गया। पहले तेज धूप फिर दोपहर बाद बारिश के दौरान भी कार्रवाई जारी रही। देर रात सर्च लाइट लगाकर इमारत का मलबा हटाया जाता रहा।
जानसेनगंज चौराहे पर चौड़ीकरण और सुंदरीकरण में बाधा बने जर्जर भवन को ध्वस्त कराया गया। इसके स्वामित्व के बारे में जानकारी नहीं है, न ही किसी ने प्रतिवाद किया। भवन के आंशिक भाग को ध्वस्त किए जाने के बाद पता चला कि यह जर्जर है। अनहोनी की आशंका को देखते हुए इस भवन को ध्वस्त कराया गया है।
जेआर मौर्या, जोनल अधिकारी एडीए
पूर्व सांसद अतीक अहमद के पुत्र उमर ने राजनैतिक दबाव में अतीक अहमद को भूमाफिया साबित करने की साजिश रचने का आरोप लगाया हालांकि उसने दबाव के बारे में खुलकर कुछ नहीं कहा लेकिन अधिकारियों के खिलाफ साफ तौर पर आरोप लगाए। रविवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अपने पिता का बचाव करते हुए उमर ने कहा कि अलीना सिटी को अतीक के ड्रीम प्रोजेक्ट के तौर पर प्रचारित किया जा रहा लेकिन उससे उनका कोई नाता नहीं है। उमर ने इन इलाकों में एडीए की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े किए। उसने कहा एडीए ने इन इलाकों में रहने वालों का पक्ष सुने बगैर एक पक्षीय कार्रवाई की।
इससे तमाम लोग बेघर हो गए। बेनामी सम्पत्ति के आरोप पर सफाई पेश करते हुए उमर ने दावा किया कि अतीक के पास ऐसी कोई सम्पत्ति नहीं है। जानसेनगंज स्थित ध्वस्त हो रही इमारत अशरफ के नाम पर है। उसने कहा अगर प्रशासन सड़क चौड़ीकरण के लिए इसे ध्वस्त कर रहा तब कोई एतराज नहीं मगर इसके पीछे भी साजिश की संभावना से इंकार नहीं किया। उमर ने एडीए पर आरोप लगाते हुए कहा जब इन इलाकों में निर्माण कराए जा रहे थे तब कार्रवाई क्यूं नहीं की गई। लोगों के बस जाने के बाद उनको उजाड़ना गलत है। उमर ने आईपीएस अधिकारी अमिताभ यश के यहां आकर प्लाटिंग की खोज-खबर करने को भी साजिश का हिस्सा बताया।
अतीक के भाई अशरफ के स्वामित्व वाली बिल्डिंग के ध्वस्तीकरण के दौरान जानसेनगंज चौराहे पर जाम की स्थिति बनी रही। बारिश के बाद चौराहे के आसपास मलबा मुसीबत बन गया। जलभराव भी हो गया लेकिन तमाशबीनों की भीड़ देर रात तक डटी रही। पुरुषों के साथ महिलाएं भी फोन से फोटो लेने के साथ ध्वस्तीकरण का वीडियो बनाती दिखीं। निरंजन डॉट पुल से हीवेट रोड की ओर आने जाने वाले वाहन रेंगते रहे। पांच मिनट का सफर लोगों ने आधे से डेढ़ घंटे के बीच तय किया। होटल वशिष्ठ के सामने और चौराहे पर बिल्ंिडग के सामने होटल के आसपास भीड़ जमा रही। मलबा हटाने का काम सारी रात जारी रहा। इस दौरान एडीए के सभी भवन निरीक्षण, अवर अभियंता भी तैनात रहे।