‘फिश स्पा’ यानी पैरों की सफाई का तरीका. ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया करथाइस को ‘फिश स्पा’ से सफाई कराना भारी पड़ गया. उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि ‘फिश स्पा’ कराने से उसे अपनी अंगुलियां हमेशा हमेशा के लिए गंवानी पड़ जाएंगी. दरअसल हुआ यूं कि करथाइस साल 2010 में थाईलैंड गई थी. वहां पर उसने फिश कराया. थाइलैंड से लौटने के कुछ दिनों बाद ही उसके पैर की अंगुली में इंफेक्शन हो गया. इसके ट्रीटमेंट के लिए जब वह डॉक्टर के पास गई तो उसे पैर की सीभ अंगुलियां कटवानी पड़ी.
स्पा कराने से हुआ इंफेक्शन
डॉक्टर ने जब उसके पैर की जांच की तो पता चला कि उसे फिश स्पा कराने से ऐसा इंफेक्शन हो गया है जिससे दिन प्रतिदिन उसकी हड्डियां खराब हो रही हैं. पहले तो डॉक्टर को उनकी यह बीमारी समझ में नहीं आई. लेकिन दो साल तक इलाज के बाद भी कोई सुधार नहीं होने पर डॉक्टर इस बीमारी के बारे में समझ सके. दरअसल 17 साल की उम्र में करथाइस के पैर में कांच लग गया, जिसके कारण उनकी एक अंगुली डॉक्टर को काटनी पड़ी थी.
शेवानेल बैक्टीरिया ने पहुंचाया नुकसान
इसके बाद उसने थाइलैंड में फिश स्पा कराया तो उसकी कटी हुई अंगुली शेवानेल बैक्टीरिया से संक्रमित हो गई. यह इंफेक्शन धीरे-धीरे बढ़कर पैर के पंजे में फैल गया. दो साल तक चले इलाज के बाद डॉक्टर ने उसके पैर की बड़ी अंगुली काट दी, लेकिन इसके बाद भी इंफेक्शन में सुधार नहीं हुआ. परेशानी और बढ़ने पर डॉक्टर ने दो और अंगुलियों को काटने का फैसला लिया. बाद में उसकी बची एक अंगुली में भी इंफेक्शन फैल गया और डॉक्टर को इसे भी काटकर अलग करना पड़ा.
पांचों अंगुली काटने के बाद विक्टोरिया का पैर अब सामान्य है. विक्टोरिया कहती है कि जब मैं फिश स्पा के बारे में सोचती हूं तो मेरा पूरी शरीर सिहर जाता है. खुद इस दर्द से गुजरने के बाद विक्टोरिया अब अन्य लोगों को फिश स्पा को लेकर अलर्ट कर रही है. विक्टोरिया का बिना अंगुली वाले पैर के लिए कहना है कि मेरा पैर अब पूरी तरह स्वस्थ है और अब मैं इस पर पूरा प्रेशर दे सकती हूं. मैंने काफी लोगों को गंभीर चोट लगने के बाद जिंदगी बर्बाद कर देने वाली बीमारियों से जूझते हुए देखा है. ऐसे में मैं अपनी को भाग्यशाली मानती हूं.
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