‘हेलो, मैं राजेश श्रीवास्तव (बदला नाम) बोल रहा हूं। मेरे घर के सामने गंदगी है पर नगर निगम से कोई सफाई करने नहीं आ रहा है। कई बार सीएम हेल्पलाइन पर-181 पर भी शिकायत की पर कोई सुधार नहीं किया गया।’ ऐसे ही हर महीने 19 हजार फोन 104 कॉल सेंटर पर आ रहे हैं।
यह कॉल सेंटर प्रदेश सरकार की तरफ से हेल्थ हेल्पलाइन के तौर पर शुरू किया गया है। इसका संचालन 108 एंबुलेंस चलाने वाली चिकित्सा हेल्थ केयर लिमिटेड (जेडएचएल) कर रही है। पिछले साल मार्च में शुरू हुई हेल्थ हेल्पलाइन सेवा में अब तक 4 लाख 51 हजार फोन आ चुके हैं। इनमें 44 हजार ही स्वास्थ्य या काउंसलिंग से जुड़े थे।
जेएचएल के दो साल पूरे होने पर प्रोजेक्ट हेड जितेन्द्र शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया 104 में स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, करिअर व किशोरावस्था से जुड़ी काउंसलिंग सुबह 8 से शाम 8 बजे तक की जाती है। 15 सीटर कॉल सेंटर में डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ व काउंसलर मौजूद रहते हैं।
जितेन्द्र शर्मा ने बताया कि 108 एंबुलेंस बुलाने के लिए फोन करने के साथ ही मोबाइल ऐप की सुविधा भी शुरू की गई है। प्ले स्टोर से ‘एमपी 108’ ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। इसमें फोन करने वाले पहले अपनी जानकारी डालना होती है। घटना स्थल की लोकेशन जीपीएस से अपने 108 कॉल सेंटर व एंबुलेंस के ड्राइवर को मिल जाएग
जेडएचएल के असिस्टेंट मैनेजर (मार्केटिंग) तरुण सिंह ने बताया पिछले दो साल में 2 लाख लोगों को फर्स्ट एड व बेसिक लाइफ सपोर्ट की ट्रेनिंग दी गई है। इसमें पुलिसकर्मी, छात्र शामिल हैं। 108 से 13 लाख जननी एक्सप्रेस 17 लाख 90 प्रसूताओं और बच्चों को अस्पताल या घर पहुंचाया गया।
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