“दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल का पुजारियों को 18,000 मासिक वेतन देने का एलान सियासी गर्मी बढ़ा रहा है। BJP ने इसे ‘चुनावी नाटक’ करार देते हुए पुरानी मांगों पर सवाल उठाए।”
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पंडितों और ग्रंथियों को ₹18,000 प्रति माह वेतन देने का एलान सियासी विवाद का कारण बन गया है। भाजपा ने इसे लेकर केजरीवाल पर निशाना साधा है और उन्हें ‘चुनावी हिंदू’ करार दिया है।
BJP का आरोप
भाजपा ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने बीते 10 सालों में मौलवियों को जितना वेतन दिया, उसका हिसाब-किताब जोड़ा जाए और उसी अनुपात में पुजारियों और ग्रंथियों को एरियर का भुगतान किया जाए। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने केजरीवाल पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “यह ठगने का नया नाटक है। चुनावों के नजदीक आते ही उन्हें पुजारी और ग्रंथी याद आ रहे हैं।”
केजरीवाल का पक्ष
अरविंद केजरीवाल ने अपने बयान में कहा कि उनकी सरकार धर्म-निरपेक्षता की नीति पर चलती है और सभी धर्मों का सम्मान करती है। उन्होंने कहा, “पुजारी और ग्रंथी लंबे समय से वेतन की मांग कर रहे थे। अब उनकी मेहनत का सम्मान होगा।”
राजनीतिक प्रतिक्रिया
AAP का पलटवार:
AAP नेताओं ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा केवल धर्म के नाम पर राजनीति करती है।
गिरिराज सिंह का बयान:
गिरिराज ने कहा कि यह कदम सिर्फ चुनावी रणनीति है और केजरीवाल का इतिहास दिखाता है कि वह ऐसे वादे कभी पूरा नहीं करते।
चुनावी समीकरण पर असर
केजरीवाल के इस फैसले को चुनावी रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। दिल्ली में धार्मिक और जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए यह एलान किया गया है। भाजपा इसे धर्म आधारित राजनीति करार दे रही है।
“देश-दुनिया से जुड़े राजनीतिक और सामयिक घटनाक्रम की विस्तृत और सटीक जानकारी के लिए जुड़े रहें विश्ववार्ता के साथ। ताज़ा खबरों, चुनावी बयानबाज़ी और विशेष रिपोर्ट्स के लिए हमारे साथ बने रहें।“
विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal