“भारतीय वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने तेजस फाइटर जेट्स की डिलीवरी में देरी पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “चीन की तरह भारत को भी अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ानी होगी।”
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के चीफ एयर मार्शल एपी सिंह ने तेजस फाइटर जेट्स की डिलीवरी में देरी पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने इस मुद्दे को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम बताया। एयरफोर्स चीफ ने कहा कि “2009-10 में ऑर्डर किए गए 40 तेजस विमानों में से अभी तक पहली खेप भी पूरी तरह से नहीं मिली है।”
यह बयान उस समय आया है, जब भारत के पड़ोसी देश चीन ने 6वीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट का सफल परीक्षण कर अपनी वायुसेना की ताकत में इजाफा किया है।
एयरफोर्स चीफ ने क्या कहा?
एयर मार्शल एपी सिंह ने कहा कि भारत को अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने इस देरी पर सवाल उठाते हुए कहा, “जब चीन जैसे देश अपनी वायुसेना पर भारी निवेश कर रहे हैं और अत्याधुनिक तकनीकों का विकास कर रहे हैं, तो भारत के पास इस क्षेत्र में पीछे रहने का कोई विकल्प नहीं है। हमें तेजस फाइटर जेट्स की डिलीवरी में देरी को गंभीरता से लेना होगा।”
चीन की बढ़ती ताकत
चीन ने हाल ही में अपने 6वीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट का ट्रायल पूरा किया है, जो उसकी वायुसेना की तकनीकी और सामरिक ताकत में इजाफा करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह जेट्स चीन की हवाई क्षमताओं को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे।
चीन द्वारा लगातार बढ़ती सैन्य तैयारियों ने भारत के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। भारतीय वायुसेना प्रमुख ने इस मुद्दे पर कड़े कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
तेजस प्रोजेक्ट की मौजूदा स्थिति
तेजस फाइटर जेट्स भारत में विकसित हल्के और बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान हैं, जिन्हें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने बनाया है। इस प्रोजेक्ट को भारत की आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन नीति के तहत तैयार किया गया है। हालांकि, इसकी डिलीवरी में हो रही देरी न सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा, बल्कि भारत की सैन्य उत्पादन नीति पर भी सवाल खड़े करती है।
अब तक 40 तेजस विमानों का ऑर्डर दिया गया था, जिनमें से पहली खेप 2025 तक पूरी होने की उम्मीद थी। लेकिन यह समय सीमा लगातार आगे बढ़ रही है।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को अपनी रक्षा उत्पादन नीति को और अधिक तेज़ी से लागू करने की जरूरत है। विशेषज्ञों का कहना है कि, “चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों की बढ़ती सैन्य ताकत को ध्यान में रखते हुए भारत को अपनी क्षमताओं में तेजी से सुधार करना होगा।”
सरकार का रुख
सरकार ने तेजस प्रोजेक्ट की देरी पर कार्रवाई के संकेत दिए हैं। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, जल्द ही डिलीवरी प्रक्रिया में सुधार के लिए एक विशेष कमेटी का गठन किया जा सकता है।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल
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