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पीएम को मेरा आग्रह, तत्काल बेनामी संपत्तियों पर करे हिट: नीतीश

niपटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को अधिवेशन भवन में मद्य निषेध दिवस 2016 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम नोटबंदी के हिमायती हैं, परंतु लोगों को तकलीफ नहीं हो। केन्द्र सरकार को प्रयत्न करना चाहिये।

नोटबंदी से दो नंबर का धंधा बंद हुआ है। यह मेरी व्यक्तिगत राय है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार, कालाधन के खिलाफ कुछ भी होता है तो हम उसका समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ नोटबंदी से काम नहीं चलेगा।

मैं प्रधानमंत्री से आग्रह करूंगा कि बेनामी संपति को भी हिट किया जाय। केन्द्र सरकार को तत्काल बेनामी संपति पर हिट करना चाहिये, यही सही वक्त है।

उन्होंने कहा कि मैं यह भी अनुरोध करूंगा कि बिहार इतने बड़े राज्य में हमने शराबबंदी लागू किया है, इसको अन्य जगह भी फैलाइये । शराब का व्यापार भी दो नंबर के धंधों को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी, बेनामी संपति, शराब के व्यापार पर हिट कीजिये, तभी भ्रष्टाचार मुक्त एवं काला धन मुक्त देश बनेगा।

उन्होंने कहा कि जो हमें उचित लगता है, हम करते हैं। लोग इसका अलग राजनीतिक मतलब निकाल लेते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2011 से 26 नवम्बर को मद्य निषेध दिवस के आयोजन की शुरूआत की गयी। उन्होंने कहा कि शुरू से यह भावना रही है कि शराब बुरी चीज है| इसका प्रचलन समाप्त होना चाहिये। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के लिये माहौल बने, जन अभियान हो इसलिये मद्य निषेध दिवस के आयोजन की शुरूआत 2011 से की गई। उन्होंने कहा कि 26 नवम्बर को संविधान दिवस भी है। शराबबंदी का कानून संविधान के भावनाओं के अनुरूप है। कुछ लोग कहते हैं कि उन्हें खाने-पीने का अधिकार है।

जो खाना है खाइये, जो पीना है पीजिये पर शराब नहीं पीजिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष नारी सशक्तिकरण को केन्द्र में रखते हुए महिलाओं के ग्राम वार्ता कार्यक्रम का आयोजन कृष्ण मेमोरियल हॉल में किया गया था। कार्यक्रम में महिलाओं ने मांग की कि शराबबंदी लागू कीजिये। मैं वापस माइक पर आया और कहा कि अगली बार सता में आने पर शराबबंदी लागू करूंगा।

आप लोगों ने दोबारा काम करने का मौका दिया। महागठबंधन सरकार के गठन के बाद 26 नवम्बर 2015 को मद्य निषेध दिवस के अवसर पर घोषणा की कि नई उत्पाद नीति बनेगी और 1 अप्रैल 2016 से लागू होगी । शराबबंदी के लिये जन अभियान शुरू किया गया। नारे लिखे गए, दीवार लेखन कराया गया। लोगों ने शराबबंदी के लिये शपथ पत्र भरकर दिया।

एक करोड़ 19 लाख लोगों ने शराब नहीं पीने तथा दूसरों को नहीं पीने का शपथ पत्र जमा किया। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल 2016 से ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई। शहरों में जब दुकान खुलने लगी तो लोगों ने विरोध शुरू किया। जब देखा कि शहर का भी वातावरण बन गया है तो चार दिन बाद पांच अप्रैल 2016 से पूरे बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई।

उन्होंने कहा कि शराबबंदी को व्यापक जन समर्थन मिला है। चंद पढ़े-लिखे लोग तरह-तरह की बातें बोलते एवं लिखते रहते हैं। उन्होंने कहा कि शराबबंदी का निर्णय अटल निर्णय है। सबकी राय ली गयी है, जरूरत होगी तो विधानमण्डल में भी आ सकते हैं। शराबबंदी से किसी प्रकार का समझौता नहीं होगा। शराबबंदी के खिलाफ किसी प्रकार का बहाना नहीं चलने वाला है।

जो बिना पीये नहीं रह सकते हैं तो उन्हें बिहार में रहने की जरूरत क्या है? उन्होंने कहा कि पूर्ण शराबबंदी सफलतापूर्वक अकेले कानून से लागू नहीं हो सकता है। चाहे कानून जितना भी कड़ा क्यों न हो, इसके लिये लोगों को जागरूक होना तथा उनका सहयोग आवश्यक है । उन्होंने कहा कि शराबबंदी से सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखी गयी है। सबको निरंतर सचेत रहना होगा, नहीं तो सावधानी हटी दुर्घटना घटी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी का जो सामाजिक प्रभाव है, वह इतना सकारात्मक है कि लोग इसे आकर देखें। उन्होंने कहा कि लोग खुद ही जगह चुनकर किसी कस्बा, गांव में जाकर देखें, माहौल कितना अच्छा बन गया है। उन्होंने कहा कि हम जब तक हैं, हम इसे छोड़ने वाले नहीं हैं। हम इसी तेवर के साथ काम करते रहेंगे। हमारा लक्ष्य है कि समाज शराबमुक्त हो।

उन्होंने कहा कि शराब के साथ-साथ अन्य प्रकार के नशा के विरूद्ध भी जन चेतना जगाई जाए। 21 जनवरी से व्यापक जन जागृति अभियान चलाया जायेगा। यह अभियान बिहार दिवस यानी 22 मार्च तक चलेगा। उन्होंने कहा कि 21 जनवरी को पूरे बिहार में मानव श्रृंखला बनायी जायेगी। हमारा लक्ष्य है कि दुनिया की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बनायी जाय।

उन्होंने कहा कि इसमें दो करोड़ लोगों से कम की सहभागिता नहीं होनी चाहिए। हम सभी लोग मानव श्रृंखला में हाथ पकड़कर खड़े होंगे। इस अवसर पर निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री अब्दुल जलील मस्तान, प्रधान सचिव निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध आमिर सुबहानी ने भी सभा को संबोधित किया।

आयोजित कार्यक्रम में नालंदा की सुषमा देवी एवं गया की रिंकी कुमारी ने अपना अनुभव सुनाया। मुख्यमंत्री ने मद्य निषेध दिवस के अवसर पर जन शिक्षा निदेशालय एवं जीविका द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी तथा मद्य निषेध दिवस के अवसर पर लोगों द्वारा बनायी गयी चित्रकला एवं कलाकृतियों का भी अवलोकन किया।

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