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फोटो: बलिया में हो रही कटान का दृश्य

बलिया: घाघरा के कटान से दो हजार परिवारों पर संकट, जानें क्या हैं दिक्कतें?

बलिया: यूपी के बलिया जिले में सुल्तानपुर और आसपास के गांवों में घाघरा नदी के कटान ने गंभीर रूप ले लिया है। पिछले कुछ वर्षों में नदी ने लाखों हेक्टेयर कृषि भूमि को बर्बाद कर दिया है और अब गांवों के घर भी कटान की चपेट में आ गए हैं। इस खतरनाक स्थिति से करीब दो हजार परिवारों की आजीविका और घर खतरे में हैं। ऐसे में गांव के एक सिविल इंजीनियर ने इस समस्या का समाधान ढूंढने के लिए मुफ्त सेवा देने की पेशकश की है।

कटान से व्यापक नुकसान:
सुल्तानपुर, कोटवा, महेंद्रा, और खादीपुर जैसे गांवों में पिछले दो सालों में एक लाख हेक्टेयर से अधिक उपजाऊ भूमि घाघरा नदी के कटान में बहकर नष्ट हो चुकी है। अब, नदी की धारा इन गांवों के घरों की ओर बढ़ रही है, जिससे गांव के लोग अब अपनी जान और संपत्ति बचाने के लिए चिंतित हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि अगली बाढ़ में दो हजार से अधिक परिवारों के घर नदी में समा सकते हैं।

सरकारी प्रयासों पर सवाल:
मारकंडेय सिंह, जो एक अनुभवी सिविल इंजीनियर हैं और जिन्होंने मुंबई जैसे कठिन तटीय क्षेत्रों में बड़े प्रोजेक्ट्स संभाले हैं, ने कटान को रोकने के लिए किए गए सरकारी प्रयासों को अपर्याप्त और केवल दिखावटी करार दिया है। उन्होंने 14 नवंबर को खुद नदी किनारे जाकर हालात का निरीक्षण किया और यह पाया कि सरकारी योजनाएं प्रभावी नहीं हैं। उन्होंने कहा, “यहां न तो सही इंजीनियरिंग समाधान हैं और न ही ठोस परिणाम मिलने की उम्मीद है। भोजपुरवा गांव इस बात का उदाहरण है, जो इस साल नदी में समा गया।”

मुफ्त सेवा की पेशकश:
मारकंडेय सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस गंभीर समस्या का समाधान ढूंढने के लिए अपनी विशेषज्ञता मुफ्त में उपलब्ध कराने की पेशकश की है। उन्होंने कहा, “सरकारी इंजीनियरिंग टीमें अब तक नाकाम साबित हो चुकी हैं। मैं अपनी सेवाएं बिना किसी शुल्क के देने के लिए तैयार हूं ताकि गांवों को बचाया जा सके।”

मुख्यमंत्री से अपील:
मारकंडेय सिंह ने मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कहा, “मानसून आने में सिर्फ कुछ ही महीने बच गए हैं। अगर इस बार भी सरकारी प्रयास पिछली बार की तरह अपर्याप्त रहे, तो दो हजार परिवारों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा।” उन्होंने सरकार से विशेषज्ञों की मदद लेने की अपील की, ताकि कटान पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सके।

सरकार से उम्मीद:
कटान से प्रभावित गांवों के लोग अब सरकार से ठोस कदम उठाने की उम्मीद कर रहे हैं। मारकंडेय सिंह की मुफ्त सेवा की पेशकश को गांववाले एक बड़ी मदद मानते हैं और चाहते हैं कि सरकार जल्द से जल्द प्रभावी कदम उठाए।

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