“बांग्लादेश की कोर्ट ने हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका खारिज कर दी। राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार दास अब हाईकोर्ट में अपील करेंगे। पढ़ें पूरी खबर।”
ढाका। बांग्लादेश की कोर्ट ने हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। दास पर राजद्रोह के आरोप लगाए गए हैं और वे अभी जेल में बंद हैं। उनके वकील अब इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में अपील करने की तैयारी कर रहे हैं।
राजद्रोह का मामला:
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हाल ही में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान चिन्मय कृष्ण दास पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया। आरोप है कि उनके भाषणों और गतिविधियों ने सरकार की छवि खराब करने का काम किया।
हिंदुओं पर हमले और प्रदर्शन:
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रही हिंसा के विरोध में हाल के दिनों में बड़े स्तर पर प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही है।
वकीलों की प्रतिक्रिया:
दास के वकीलों का कहना है कि यह मुकदमा राजनीतिक दबाव के तहत दर्ज किया गया है। उनका कहना है कि “हम जल्द ही हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे, जहां हमें न्याय मिलने की उम्मीद है।”
संत चिन्मय दास का समर्थन:
हिंदू समुदाय और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने इस मामले में बांग्लादेश सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने सरकार पर धार्मिक स्वतंत्रता का हनन करने का आरोप लगाया है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रिया:
इस मामले ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहस छेड़ दी है। कई देशों ने बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल
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