बेहजम पंचायत में भ्रष्टाचार जांच को लेकर लखनऊ से आई टीम ने ग्राम पंचायत कैमाखुर्द सहित उमरिया और मलिकपुर में कई विकास कार्यों का निरीक्षण किया। शिकायतकर्ता द्वारा ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार की लिखित शिकायत की गई थी, जिसे गंभीरता से लेते हुए शासन ने जांच के लिए टीम भेजी।
जांच के दौरान टीम ने उच्च प्राथमिक विद्यालय उमरिया में निर्मित बाउंड्री वॉल का निरीक्षण किया, जिसमें निम्न गुणवत्ता की पीली ईंटों का उपयोग पाया गया। टीम ने मौके से ईंट का सैंपल जब्त कर उसे गुणवत्ता परीक्षण हेतु प्रयोगशाला भेज दिया है।
टीम को संदेह हुआ कि बाउंड्री वॉल की लंबाई तय मानकों से कम है, जिसके चलते मौके पर ही इसकी पैमाइश की गई। प्रारंभिक रिपोर्ट में कार्य की गुणवत्ता और मानकों पर सवाल उठे हैं। अब जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
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यह भी जांच की जा रही है कि क्या पंचायत प्रधान और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की जानकारी में यह निर्माण कार्य हुआ और अगर हुआ तो किन स्तरों पर लापरवाही या मिलीभगत सामने आती है। लखनऊ की जांच टीम ने पंचायत के अन्य विकास कार्यों की भी समीक्षा की और कई स्थानों पर अनियमितता की आशंका जताई है।
स्थानीय लोगों में इस कार्रवाई के बाद हलचल है और सभी की निगाहें अब प्रशासन द्वारा की जाने वाली कार्रवाई पर टिकी हैं। यह देखा जाना शेष है कि दोषियों को सिर्फ नोटिस दिया जाएगा या सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बेहजम पंचायत में भ्रष्टाचार जांच से स्पष्ट संकेत मिलता है कि शासन अब गांवों में भ्रष्टाचार पर भी कठोर रुख अपना रहा है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
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