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बिना जानकारी एनपीए खाता बनना खाताधारकों के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है

बिना लोन लिए डिफॉल्टर? एनपीए बना खाताधारक, कैसे बचें आप?

नई दिल्ली। बिना जानकारी एनपीए खाता बनना अब एक आम शिकायत बनती जा रही है। देशभर में हजारों बैंक खाताधारक ऐसी स्थितियों से गुजर रहे हैं जहां उन्हें बिना लोन लिए या भुगतान करने के बावजूद डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया। यह ना सिर्फ बैंकिंग सिस्टम की खामियों को उजागर करता है बल्कि आम लोगों की वित्तीय जागरूकता की कमी भी सामने लाता है।

एनपीए कैसे बनता है खाता?

बैंक नियमों के अनुसार, यदि कोई कर्जदार 90 दिन तक EMI या ब्याज नहीं चुकाता, तो उसका खाता Non-Performing Asset (NPA) घोषित कर दिया जाता है। इसका अर्थ है कि उस खाते से बैंक को कोई आमदनी नहीं हो रही और वह जोखिमपूर्ण हो गया है।

लेकिन समस्या तब पैदा होती है जब खाताधारक को न तो कोई लोन लेने की जानकारी होती है और न ही उसे कोई नोटिस मिलता है — फिर भी उसका खाता एनपीए घोषित हो जाता है।

ये हैं मुख्य कारण:

  • गारंटर बनने की अनदेखी: कई लोग बिना पूरी जानकारी लिए किसी दोस्त या रिश्तेदार के लिए गारंटर बन जाते हैं। जब उधारकर्ता लोन नहीं चुकाता, तो उसका असर गारंटर के खाते पर पड़ता है।
  • पुराने बंद खाते: कई बार क्रेडिट कार्ड या लोन अकाउंट सही तरीके से बंद नहीं होते, और उस पर देरी से ब्याज जुड़ता रहता है। वक्त पर न पकड़े जाने पर यह भी एनपीए में तब्दील हो सकता है।
  • आधार/पैन की धोखाधड़ी: पर्सनल डिटेल्स के दुरुपयोग से किसी और के द्वारा लिए गए लोन का असर निर्दोष ग्राहक के क्रेडिट प्रोफाइल पर पड़ता है।
  • तकनीकी गड़बड़ी: बैंकिंग सॉफ्टवेयर या डेटा अपडेट न होने के कारण भी खाता गलत तरीके से डिफॉल्टर घोषित हो सकता है।

नुकसान क्या है?

  • क्रेडिट स्कोर में गिरावट: CIBIL स्कोर 100 से 200 अंक तक गिर सकता है।
  • लोन, क्रेडिट कार्ड में परेशानी: भविष्य में किसी भी बैंक से लोन लेना कठिन हो जाता है।
  • नौकरी में अड़चन: कई कंपनियां भर्ती से पहले CIBIL रिपोर्ट देखती हैं।

कैसे करें बचाव?

  • हर 3 महीने में CIBIL रिपोर्ट जांचें
  • गारंटर बनने से पहले सोच-समझकर निर्णय लें
  • बंद खातों का NOC जरूर लें
  • बैंक स्टेटमेंट नियमित मंगाएं और जांचें
  • कभी भी पर्सनल डिटेल्स शेयर न करें

क्या करें अगर खाता एनपीए हो जाए?

  • संबंधित बैंक में लिखित शिकायत दर्ज करें
  • RBI की शिकायत वेबसाइट या उपभोक्ता फोरम में आवेदन करें
  • CIBIL में सुधार के लिए संपर्क करें
  • कानूनी सलाह लेकर बैंक को नोटिस भेजें

हिमांशु शुक्ला (लखनऊ)

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