लखनऊ। बिना रिजर्वेशन लौट रहे सैनिक आज देशभक्ति की जीवंत मिसाल बन चुके हैं। हाल के दिनों में सीमाओं पर बढ़े तनाव और संभावित युद्ध की आशंका के चलते छुट्टियों पर घर आए जवानों को आपात स्थिति में अपने-अपने हेडक्वार्टर लौटने का निर्देश मिला है। इस अचानक हुए आदेश के कारण अधिकतर जवान बिना आरक्षण के ही ट्रेनों में सफर करने को मजबूर हैं।
ये सैनिक कई बार ट्रेन में टॉयलेट के पास या भीड़भाड़ वाले डिब्बों में खड़े होकर यात्रा कर रहे हैं, जहां न तो बैठने की सुविधा है और न ही पर्याप्त आराम। ऐसी स्थिति में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता हिमांशु अवस्थी ने समाज से भावुक अपील की है। उन्होंने कहा, “हमारे ये जवान राष्ट्र की रक्षा के लिए अपना सब कुछ छोड़कर ड्यूटी पर लौट रहे हैं। यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम उन्हें आदरपूर्वक स्थान दें।”
बिना रिजर्वेशन लौट रहे सैनिक ट्रेन में खड़े हों तो उन्हें अपनी आरक्षित सीट देने का अनुरोध करते हुए हिमांशु अवस्थी ने कहा कि टॉयलेट जैसी असुविधाजनक जगह पर उन्हें खड़ा देखना अत्यंत दुखद है। उन्होंने यह भी कहा कि “अगर कोई सैनिक सड़क मार्ग से यात्रा करता दिखे, तो निजी वाहन चालक उसे गंतव्य तक पहुंचाने में मदद करें।”
इस अपील ने आम नागरिकों के दिलों को छू लिया है। सोशल मीडिया पर यह संदेश तेजी से वायरल हो रहा है। हजारों यूज़र्स सैनिकों को प्राथमिकता देने की बात कह रहे हैं और कई वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं जिनमें यात्री स्वेच्छा से सैनिकों को अपनी सीट दे रहे हैं।
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जनमानस में इस पहल को लेकर गहरी सहानुभूति दिखाई दे रही है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर हैशटैग #RespectOurSoldiers और #SeatForSoldier ट्रेंड कर रहे हैं। लोगों ने यह भी कहा है कि सैनिकों को प्राथमिकता देना न केवल एक संवेदनशील कर्तव्य है, बल्कि राष्ट्र के प्रति सम्मान का एक रूप भी है।
हिमांशु अवस्थी ने कहा कि यदि समाज इस पहल में जागरूकता दिखाता है तो यह हमारे वीर सैनिकों के मनोबल को ऊँचा रखेगा। “जब सैनिक देखेंगे कि पूरा समाज उनके पीछे खड़ा है, तो वे और भी मजबूती से देश की रक्षा करेंगे,” उन्होंने कहा।
देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले इन वीरों के लिए समाज के हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह न केवल उनका सहयोग करे, बल्कि उनकी गरिमा की रक्षा भी करे।