नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा-बिड़ला डायरी मामले में जांच कराने की मांग वाली एक याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी और अन्य के खिलाफ जांच कराने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
कोर्ट ने याचिका को मेरिट के लायक ही नहीं समझा और कहा कि भूषण द्वारा पेश किए गए कागजात जांच के लिए पर्याप्त नहीं है।
गौरतलब है कि इनकम टैक्स की एक रेड में सहारा के ऑफिस से एक डायरी मिली थी, जिसमे कथित रूप से यह लिखा है की 2003 में गुजरात के मुख्यमंत्री को 25 करोड़ रुपये घूस दी गई।
उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इनके अलावा तीन और मुख्यमंत्रियों को भी कथित घूस दी गई। बता दें कि इस डायरी के बिना पर ही कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर आरोप लगाए थे।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इन दस्तावेजों को शून्य बताते हुए याचिकाकर्ता संगठन को पुख्ता प्रमाण पेश करने के लिए कहा था। याचिकाकर्ता संगठन सीपीआईएल ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि आयकर विभाग की अप्रैजल रिपोर्ट, डायरी और ई-मेल साफ-साफ इशारे करती है कि राजनेताओं को रिश्वत दी गई थी, लिहाजा सुप्रीम कोर्ट को जांच का आदेश देना चाहिए।
हलफनामे में यह भी कहा गया है कि यह विरले ही होता है जब अदालत या जांच एजेंसी के समक्ष ऐसे पुख्ता दस्तावेज पेश किए गए हों। ऐसे में अगर इस मामले में जांच का आदेश नहीं दिया जाता तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा किसी भी मामले में जांच का आदेश देना न्यायसंगत नहीं होगा।