काबुल। अफगानिस्तान की संसद सहित देश के तीन शहरों में हुए सिलसिलेवार हमलों में करीब 50 लोग मारे गए और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
अमेरिका समर्थित अफगान सरकार तालिबानी उग्रवाद के साथ साथ अल-कायदा और IS के आतंकवादियों से भी मुकाबला करने का प्रयास कर रही है। बड़े पैमाने पर हो रहे नरसंहार अफगानिस्तान में बढ़ते उग्रवाद का संकेत हैं।
पहले हमले में एक आत्मघाती हमलावर ने सरकारी कर्मचारियों को लेकर जा रही मिनी बस के पास खुद को विस्फोट में उड़ा लिया। जब बचावकर्मी मौके पर पहुंचे, तब तक वहां कार बम में विस्फोट हुआ। हमलों में मारे गए 30 लोगों में चार पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। वे लोग पहले हमले के बाद पीड़ितों की मदद करने आए थे और कार बम की चपेट में आ गए।
दूसरा हमला तालिबान ने काबुल में संसद के एनेक्सी से निकल रहे कर्मचारियों को निशाना बनाकर किया जिसमें कम से कम 30 लोग मारे गए और 80 लोग घायल हो गए।
UAE राजदूत की अफगानिस्तान यात्रा के दौरान दक्षिण कंधार में गवर्नर के घर के भीतर सोफे में लगा बम फटने से कम से कम नौ लोग मारे गए, हालांकि इस हमले में राजदूत सुरक्षित हैं। उन्हें कुछ चोटें आई हैं।
कंधार के प्रांतीय पुलिस प्रमुख अब्दुल रज्जाक ने बताया कि प्रांत के गवर्नर तथा यूएई के राजदूत जुमा मोहम्मद अब्दुल्ला अल काबी विस्फोट में घायल हुए हैं, लेकिन कई लोग इतने जल गए हैं कि उनकी पहचान संभव नहीं है।
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