संग्रामपुर। टीकरमाफी गांव में एक अधेड़ की मौत की घटना में जंगली जानवर के हमले की बात झूठी साबित हुई है। 24 घंटे के सर्च ऑपरेशन के दौरान वन विभाग की टीम को किसी भी जंगली जानवर के पद चिन्ह नहीं मिले, और पुलिस ने बताया कि हत्या का मामला गांव के ही एक युवक द्वारा किया गया था। आरोपी को आलाकत्ल सब्बल के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है।
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घटना 25 अक्टूबर 2024 को दोपहर करीब 2 बजे हुई, जब जयराम प्रजापति भैंस चराने बाग में गए थे। पड़ोसी शिव शंकर विश्वकर्मा ने उन पर पीछे से सब्बल से हमला किया। जयराम की गंभीर चोटों के कारण मौत हो गई।
आरोपी ने बताया कि जयराम की महिलाओं पर बुरी नजर थी, जिससे वह दुखी रहते थे। हमले के बाद, शिव शंकर ने शोर मचाकर यह बताया कि जयराम पर जंगली जानवर का हमला हुआ है।
थानाध्यक्ष ईश नारायण मिश्र ने बताया कि मृतक के बेटे की शिनाख्त के बाद शिव शंकर पर कार्रवाई की गई है। आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह मामला जंगली जानवर के हमले का नहीं था, बल्कि एक पूर्ववर्ती विवाद का नतीजा था।
यह घटना गांव में एक गंभीर अपराध के रूप में उभरी है, जिसने स्थानीय लोगों के बीच सुरक्षा और आपसी संबंधों पर सवाल उठाए हैं। पुलिस ने मामले की जांच जारी रखी है।