“उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा के विस्तार के लिए मेरठ में विद्या विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु प्राधिकार पत्र प्रदान किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह पहल युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में बड़ा कदम है।”
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा के प्रसार और युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में एक और अहम पहल की गई है। इसी कड़ी में मेरठ में ‘विद्या विश्वविद्यालय’ की स्थापना के लिए प्राधिकार पत्र प्रदान किया गया है, जिससे प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का विस्तार होगा।
उच्च शिक्षा मंत्री का वक्तव्य और प्राधिकार पत्र का महत्व
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निजी विश्वविद्यालयों का विस्तार हो रहा है। मंत्री ने जोर दिया कि मेरठ में विद्या विश्वविद्यालय युवाओं को बेहतर शिक्षा के अवसर प्रदान करेगा, जिससे वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे। इस कार्यक्रम में प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा, एमoपीo अग्रवाल ने भी भाग लिया और इस विश्वविद्यालय के नियमों व शर्तों के अनुपालन पर विशेष बल दिया।
उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम और विश्वविद्यालय की स्थिति
विद्या विश्वविद्यालय, मेरठ को उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (आठवाँ संशोधन) अध्यादेश, 2024 के तहत अनुमोदित किया गया है और इसे उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 की अनुसूची-2 में कमांक 46 पर स्थान प्रदान किया गया है। इस प्राधिकार पत्र के बाद अब यह विश्वविद्यालय अपने संचालन की प्रक्रिया शुरू कर सकेगा।
विद्या विश्वविद्यालय से होने वाले लाभ
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का विस्तार: युवाओं को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त होगी जो उन्हें बेहतर करियर बनाने में सहायक होगी।
- वैश्विक प्रतिस्पर्धा की तैयारी: इस विश्वविद्यालय से विद्यार्थी वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो सकेंगे।
- प्रदेश की आर्थिक प्रगति में योगदान: नए विश्वविद्यालय के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।